पटना। बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023 में राज्य में औद्योगिक निवेश को लेकर कई बड़े करार हुए हैं। दो दिवसीय निवेश सम्मेलन के पहले दिन बिहार में निवेश आकर्षित करने के लिए कपड़ा, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण एवं सामान्य विनिर्माण क्षेत्रों में 26,429 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश समझौते हुए. इस वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के पहले दिन राज्य सरकार और 38 कंपनियों के बीच निवेश संबंधी समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए. वहीं निवेश सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवर को मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार भी इसमें शामिल होंगे।
बिहार में निवेश को लेकर हुए प्रमुख समझौते में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के साथ 7,386.15 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता शामिल है. इसके बाद पटेल एग्री इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ 5,230 करोड़ रुपये, इंडो-यूरोपियन रिसर्च एंड हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ 2,000 करोड़ रुपये, देव इंडिया प्रोजेक्ट एंड स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड के साथ 1,600 करोड़ रुपये, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के साथ 1,000 करोड़ रुपये और स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज के साथ 800 करोड़ रुपये के एमओयू शामिल हैं.
इस दो-दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने राज्य में केंद्र की तरफ से विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) के गठन की मांग दोहराई. उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि नीतीश सरकार उन्हें उद्योग स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी. महासेठ ने कहा, 'नई नीतियों के साथ बिहार में बदलाव आया है. नए बिहार से जुड़ें और इसे समृद्ध करें. यदि राज्य में उद्योग बढ़ेंगे तो देश भी प्रगति करेगा. मैं एक बार फिर केंद्र से अनुरोध करता हूं कि राज्य में कम से कम चार एसईजेड बनाएं जो नए निवेश के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे.'
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि निवेशक बिहार आ रहे हैं. निवेश बढ़ने से बिहार अगले पांच वर्षों में उद्योगों के मामले में शीर्ष 10 राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा. उसके बाद के पांच वर्षों में यह देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल होगा.' उन्होंने बिहार में तीव्र विकास सुनिश्चित करने के लिए बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग दोहराते हुए कहा कि राज्य सरकार का ध्यान अन्य क्षेत्रों के अलावा खाद्य प्रसंस्करण, चमड़ा, वस्त्र और सूचना प्रौद्योगिकी पर है.
इस मौके पर बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन राज्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा. सरकार राज्य में निवेश के लिए आवश्यक हर चीज़ उपलब्ध करा रही है. सम्मेलन के पहले सत्र में कपड़ा और चमड़ा क्षेत्रों पर चर्चा की गई और 554.4 करोड़ रुपये के निवेश के लिए आठ प्रमुख कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
प्रस्तावित निवेशों में सावी लेदर्स के साथ 274 करोड़ रुपये, कोमल टेक्सफैब के साथ 100.5 करोड़ रुपये, मां प्रभावती टेक्सटाइल मिल्स के साथ 94 करोड़ रुपये, कॉसमस लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड के साथ 52 करोड़ रुपये और भारती एक्ज़िम प्राइवेट लिमिटेड के साथ 15 करोड़ रुपये के निवेश शामिल हैं.
सम्मेलन के दूसरे सत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश पर चर्चा की गयी और 15 प्रमुख उद्योग समूहों के साथ 10,304.91 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इनमें पटेल एग्री इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ 5,230 करोड़ रुपये, देव इंडिया प्रोजेक्ट के साथ 1600 करोड़ रुपये और स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड 800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं.
दिन के तीसरे सत्र में सामान्य विनिर्माण क्षेत्र में निवेश पर चर्चा की गयी और इस क्षेत्र की 15 अग्रणी कंपनियों ने 15,570.61 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए. इनमें आईओसी के साथ 7,386.15 करोड़ रुपये, इंडो-यूरोपियन रिसर्च एंड हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ 2,000 करोड़ रुपये, अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के साथ 1,000 करोड़ रुपये, स्टार सीमेंट के साथ 650 करोड़ रुपये, भारत एनर्जी डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के साथ 614 करोड़ रुपये, मेडिकल वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड के साथ 600 करोड़ रुपये और भारत प्लस इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड के साथ 565 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव शामिल हैं .
इसके अलावा शिव इंडस्ट्रीज ने 480 करोड़, श्री निलयम प्री कोटेड प्राइवेट लिमिटेड ने 261.26 करोड़ रुपये, भारती एयरटेल ने 250 करोड़ रुपये, आरकेडी स्पोर्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 245 करोड़ रुपये के निवेश को लेकर प्रतिबद्वता जतायी. गोदरेज इंडस्ट्रीज के समूह अध्यक्ष राकेश स्वामी ने बिहार में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश का भरोसा दिलाया.
वियतनाम दूतावास में व्यापार सलाहकार बुई ट्रुंग थुओंग ने बिहार और अपने देश के बीच आध्यात्मिक संबंध की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘कपड़ा क्षेत्र में वियतनाम की अग्रणी भूमिका इस रिश्ते के अनुरूप है.