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हरिवंश के दंश के दर्द से बिलबिलाती जदयू, न बाहर निकाल पा रही न भीतर रख पा रही, लेकिन बड़ा सवाल? हरिवंश का क्या होगा?भाजपा क्या करेगी?

हरिवंश के दंश के दर्द से बिलबिलाती जदयू, न बाहर निकाल पा रही न भीतर रख पा रही, लेकिन बड़ा सवाल? हरिवंश का क्या होगा?भाजपा क्या करेगी?

दिल्ली- राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश को लेकर ललन सिंह के बयान के बाद बिहार की सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इससे पहले जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची में हरिवंश का नाम शामिल नहीं होने को लेकर चर्चाएं गरम थीं. ललन ने ही अपने बयान से इस विवाद को थामने का प्रयास भी किया, अब सियासी गलियारों में कई सवाल उठ रहे हैं.

साल भर से जदयू और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के बीच तनाव को लेकर खबरें थी लेकिन उनका विवाद खुल कर सामने आ गया है. दूरी इतनी बढ़ गई कि हरिवंश या तो अपने हीं जदयू से अलग हो जाएं या कानूनी रूप से अवसर मिलने पर जदयू  उन्हें बाहर कर दिया जाए.हरिवंश को निकालने का एक रास्ता तब बना  जब वे पार्टी की ओर से जारी व्हिप का उल्लंघन करते.

हरिवंश के दर्द से कराह रही जदयू ने उन्हें बाहर का सास्ता दिखाने का रास्ता निकाला अविश्वास प्रस्ताव के दौरान व्हिप जारी करके. लेकिन हरिवंश ने जदयू के हरिथार को कुंद कर दिया और अविश्वास प्रस्ताव के दौरान व्हिप के उल्लंघन का मामला बनता लेकिन हरिवंश मतदान के समय अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान थे. 

ललन ने कहा है कि हरिवंश जब तक राज्यसभा में उप सभापति के पद पर हैं, तब तक जदयू में ही बने रहेंगे. इसके बाद सबकुछ उनके ऊपर है. ललन सिंह ने कहा कि पिछले साल के नौ अगस्त से वे  जदयू संसदीय दल की बैठक में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं. 

शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें रोक दिया है. आज की तिथि में हरिवंश जदयू में हैं या नहीं? इसपर ललन सिंह कुछ भी बोलने से बच रहे थे. हरिवंश को लेकर जदयू असमंजस में थी.

हरिवंश तकनीकी रूप से जदयू के सदस्य रहेंगे .जदयू अध्यक्ष के रूख से साफ हुआ कि पार्टी ने हरिवंश को दल से अलग होने के लिए स्वतंत्र कर दिया।हालांकि, राज्यसभा सदस्य बने रहने तक वे तकनीकी रूप से जदयू के सदस्य रहेंगे. अकेले अलग होते हैं तो राज्यसभा की सदस्यता जा सकती है. राज्यसभा में उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 तक है. ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हरिवंश को उप सभापति बनाया.

बता दें कि राज्यसभा उपसभापति और जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शरीक हुए थे. जदयू ने इस कार्यक्रम का कई विपक्षी दलों के साथ बहिष्कार किया था. जदयू के कई नेताओं ने उन पर पार्टी लाइन से अलग जाने का आरोप लगाया था. इसके बाद नीतीश और हरिवंश के बीच तकरार की अटकलें लगाई जाने लगीं. हालांकि कुछ समय पहले अचानक हरिवंश पटना पहुंचे और नीतीश से उनके आवास पर मुलाकात की. इसके बाद से विवाद के अटकलों पर विराम लग गया था, अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हरिवंश का नाम कटने से फिर अटकल तेज हो गई है कि जेडीयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश नीतीश के साथ हैं या नहीं ?


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