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बुरे हालत में हैं जदयू के संस्थापक : शरद यादव को राज्यसभा भेजने के लिए लालू-नीतीश से मिलेंगे मांझी, क्या बोले पढ़िए

बुरे हालत में हैं जदयू के संस्थापक : शरद यादव को राज्यसभा भेजने के लिए लालू-नीतीश से मिलेंगे मांझी, क्या बोले पढ़िए

NEW DELHI : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव से मुलाकात करने पहुंचे थे। मुलाकात के दौरान जीतन राम मांझी ने न्यूज4नेशन से बातचीत करते हुए कहा कि वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव की स्थिति देखकर उनपर तरस आ रही है।

मांझी ने कहा आज दिल्ली में शरद यादव ने अपने स्थिति से हमें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि शरद यादव का सरकारी आवास खाली हो जाने के बाद उनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वो शरद यादव को एक बार फिर राज्यसभा भेजने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव से मुलाकात करेंगे।

गांव में बिक गया सबकुछ

वहीं शरद यादव ने जीतन राम मांझी की मांग पर उन्हें धन्यवाद कहा। शरद यादव ने बताया कि वो अपनी गांव की जमीन को बेच दिए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित यह सरकारी घर अगले कुछ महीने में खाली हो जाएगा तो वो कहाँ रहेंगे।

जून में खाली करना होगा दिल्ली का बंगला

गौरतलब है कि शरद यादव के जदयू से मतभेद होने के बाद से उनकी राज्यसभा की सदस्यता कोर्ट में लंबित थी, जो जून महीने में समाप्त हो जाएगी। वहीं पिछले दिनों शरद यादव का दिल्ली स्थित सरकारी का आवास 7, तुगलक रोड केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को अलॉट कर दिया गया था।

कैसे बदला वक्त का पहिया

शरद यादव बिहार के उन नेताओं में रहे हैं, जिनकी हैसियत बिहार में लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के बराबर होती थी। जदयू में उनके आगे नीतीश कुमार भी चुप हो जाते थे। वहीं जब शरद यादव जब जदयू के अध्यक्ष थे तो मांझी एक साधारण से विधायक हुआ करते थे। लेकिन एक दशक में स्थिति पूरी तरह से बदल गई। शरद यादव राजनीति के अर्श पर थे, लेकिन एक जिद ने उन्हें राजनीति की ऊंचाई से ऐसा नीचे गिराया कि न तो पार्टी मे अपना महत्व बनाए रख सके। न ही बिहार की राजनीति में उनका कोई महत्व रह सका। इन सबके बीच मांझी मजबूत होते चले गए। आज स्थिति है यह है कि शरद यादव को अपने राज्यसभा सीट बचाने के लिए मांझी के सिफारिश की जरुरत पड़ गई है। अब शरद यादव के लिए मांझी कितनी सहायता कर पाएंगे, यह बाद की बात है, लेकिन राजनीति में शरद यादव की जो स्थिति है, उसने यह बता दिया है कि यहां कुछ भी स्थायी नहीं होता है। 


दिल्ली से धीरज की रिपोर्ट

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