बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

इस गांव में अब तक किसी को नहीं हुआ कोरोना, सैनेटाइजर का काम करती है चूल्हे से निकलनेवाली राख

इस गांव में अब तक किसी को नहीं हुआ कोरोना, सैनेटाइजर का काम करती है चूल्हे से निकलनेवाली राख

DHANBAAD : कोरोना के प्रकोप से देश का हर राज्य भी प्रभावित है। लेकिन कुछ जगह ऐसी भी है, जहां इस महामारी की दस्तक पिछले 13 माह नहीं हो पाई है। ऐसा ही एक गांव है साधोबाद। धनबाद के जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर राजगंज के खरनी पंचायत का साधोबाद गांव कोरोना के कोहराम में भी खुशियों के बीच आबाद है। गांव में ऐसा एक भी इंसान नहीं है जो कोरोना से संक्रमित हो। जहां कोरोना वैक्सीन के लिए लोग परेशान हैं, वहीं इस गांव में45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों ने कोविड के वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है।

गांव के लोगों ने शारीरिक दूरी के बीच सामाजिक एका का मंत्र अपनाया है। साधोबाद में 200 कच्चे-पक्के मकान हैं। आबादी लगभग 15 सौ के करीब। पूरा झारखंड कोरोना की तबाही झेल रहा है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में भी यहां के लोग सुकून से है। सबके चेहरे पर मुस्कान है। न किसी तरह की चिंता है, न कोई डर। कुछ पूछिए तो सभी हंसकर खुले दिल से जवाब देते हैं। कोरोना की दूसरी लहर की बात छोड़िए, पहली लहर आई थी तो भी कोई कोरोना पॉजिटिव नहीं हुआ था। 

मास्क की जगह गमछा, राख बना सैनेटाइजर

इस गांव के पुरुषों में कोई मास्क का प्रयोग नहीं करता है। उसकी जगह महामारी से बचने के लिए हर व्यक्ति अपने साथ गमछे का इस्तेमाल करता है। काम के लिए गांव से बाहर जानेवाले लोग इस गमछे को ही मास्क के रूप में प्रयोग करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना में जिस सैनिटाइजर को हर व्यक्ति प्रयोग करता नजर आया, इस गांव में चूल्हे से निकली राख सैनिटाइजर का काम करता है।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लोग बहुत मेहनती हैं। गांव में सब्जी पैदा होती है। यही सब खाते हैं। वातावरण बिल्कुल साफ है। खुली जगह है। गांव वाले कोरोना के हालात पर चर्चा करते हैं। किसी शहरी मुहल्ले के सभी लोगों ने टीका नहीं लगवाया होगा। सबने एक दूसरे को टीका के लिए प्रेरित किया और 45 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों ने कोरोना के दोनों डोज ले लिए हैं।

Suggested News