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जीवन- ज्योति ने ऐसी बिछाई बिसात कि स्तुति का मिला शह और अंजू को मिली मात, पटना जिलाध्यक्ष के चुनाव में पर्दे के पीछे का खेल

जीवन- ज्योति ने ऐसी बिछाई बिसात कि स्तुति का मिला शह और अंजू को मिली मात, पटना जिलाध्यक्ष के चुनाव में पर्दे के पीछे का खेल

PATNA: पटना जिला परिषद के लिए नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन हो गया है। पहली बार जिप चुनाव लड़ रहीं स्तुति कुमारी को अध्यक्ष चुना गया और उपाध्यक्ष के पद पर आशा देवी को निर्वाचित किया  गया है। लेकिन स्तुति को इस पद तक पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि उसका मुकाबला पूर्व जिप अध्यक्ष अंजू देवी से था। चुनाव में सभी का मानना था कि अंजू देवी अपनी कुर्सी फिर से अध्यक्ष बनने में कामयाब हो जाएंगी। लेकिन हुआ इसके विपरीत। जिस प्रकार जिप चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र संख्या 27 से उन्होंने अंजू देवी को पटखनी दी थी, उसी तरह अध्यक्ष पद की दौड़ में वह अंजू देवी पर भारी रही। 

स्तुति की जीत में इस दंपति ने निभाई बड़ी जिम्मेदारी

जिप अध्यक्ष के चुनाव होने से पहले तक पूर्व अध्यक्ष अंजू देवी की जीत पक्की मानी जा रही थी। अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए साम-दाम सारी रणनीति अपनाने को तैयार थी। साथ ही उन्हें राजद के शीर्ष नेताओं का भी पूरा समर्थन हासिल था। जिसे पार पाना किसी के लिए आसान नहीं थी। लेकिन, इस चक्रव्यूह को स्तुति ने भेद दिया। स्तुति की जीत के बाद जितनी तारीफ हो रही है, लभगग उतनी ही तारीफ उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त करनेवाले एक दंपति की भी की जा रही है। यह दंपति जोड़ी है निर्वतमान जिप अध्यक्ष ज्योति सोनी और उनके पति जीवन कुमार की। जिन्होंने चुनाव से एक रात पहले पूरी कहानी बदल दी और स्तुति की जीत पक्की कर दी। बता दें कि सरकार ने जिप अध्यक्ष अंजू देवी को पद से बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद ज्योति सोनी ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रही थी। जिसके कारण जिप में उनका काम सभी ने देखा था। जिसका फायदा उन्हें मिला।

45 में 32 सदस्यों को मनाने में हुए कामयाब

जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव के लिए निवर्तमान अध्यक्ष ज्योति सोनी और जीवन की जोड़ी ने 45 सदस्यों में से से 32 को समझाने में सफलता हासिल की कि क्यों स्तुति गुप्ता अंजू देवी से लाख बेटर हैं कैसे अंजू देवी ने 5 साल के अंदर ज़िला परिषद का कवाड़ा बना दिया। कैसे उन्होंने जिला पार्षदों के अधिकार और मर्यादा सम्मान के साथ खिलवाड़ किया। विकास कार्य को मजाक बना दिया। जीवन ज्योति की यह मंत्र हर पार्षदों के मन मष्तिष्क में पूरी तरह फिट बैठ गई। नतीजा यह कि जिन पार्षदों को अंजू या रुन्नी देवी ने खरीद फरोख्त के सहारे अपने पक्ष में मतदान कराने के लिये उन पार्षदों को बाध्य किया। चूंकि वह अंजू देवी के पूर्व का काम देख चुके थे, उन्होंने भी दिल की आवाज़ सुनी और ऐन बक्त पर एक सही निर्णायक डिसीज़न लिया और उन्होंने स्तुति गुप्ता के पक्ष में मतदान किया और 32 मत प्राप्त कर सबको चौंका दिया।

इस पूरे प्रकरण को गौर से अध्ययन कर तो पति पत्नी यानी जीवन ज्योति की कार्यकुशलता दूरदर्शिता और पुराने कार्यानुभव ने स्तुति गुप्ता को पटना ज़िला परिषद अध्यक्ष बनाने में अहम और महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई। जिसके कारण जिप अध्यक्ष के पद पर होने के बाद अंजू देवी की सारी चालें नाकामयाब साबित हुई। और स्तुति के साथ जीवन-ज्योति की तिकड़ी ने जिला परिषद में धाक जमाने में कामयाबी हासिल कर ली



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