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बिहार के प्रसिद्ध व्यक्तियों के कब्रों का होगा सौंदर्यीकरण, शिया वफ्फ़ बोर्ड में हुआ फैसला

बिहार के प्रसिद्ध व्यक्तियों के कब्रों का होगा सौंदर्यीकरण, शिया वफ्फ़ बोर्ड में हुआ फैसला

PATNA : बिहार में कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक व्यक्ति हैं. जिन्होंने अपना जीवन धर्म और समाज को  शिक्षा एवं ज्ञान के रूप में देने में व्यतीत कर दिया. इनका व्यक्तित्व बिहार ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी लोकप्रिय एवं प्रशंसनीय रहा है. ऐसे व्यक्तियों को याद करना और उनकी निशानीयों को संजो कर रखना हमारा धार्मिक एवं सामाजिक कर्तव्य है. 

शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशाद अली आजाद ने बताया कि इसी के तहत बोर्ड की विगत बैठक में बोर्ड के सदस्य शमीम रिज़वी ने प्रस्ताव दिया कि राज्य के प्रसिद्ध एवं सम्मानजनक व्यक्तियों की कब्रें तथा मकबरे काफी जर्जर हालत में है. कुछ कब्रों के निशान तक का पता नहीं चल पाता है. इन कब्रों का सौंदर्यीकरण कराना तथा नाम पट्ट लगाया जाना अति आवश्यक है. 

ताकि कब्रें सुरक्षित रहे और उनकी पहचान की जा सके. बैठक में तत्काल छ: व्यक्तित्व के कब्रों को ठीक कराने एवं नाम पट्ट लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ. जिनमें कुरान शरीफ के उर्दू अनुवादक मौलाना सैयद फरमान अली, मुजफ्फरपुर, सुप्रसिद्ध आलिमे दीन व मुजतहिद मौलाना सैयद राहत हुसैन सिवान, सुप्रसिद्ध उर्दू हिंदी कवि शाद अज़ीमाबादी पटना, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उर्दू कवि एवं साहित्यकार अल्लामा जमील मजहरी मुजफ्फरपुर, प्रसिद्ध उर्दू कवि वफा मलिकपूरी पूर्णिया, सुप्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर हसन असकरी पटना के नाम शामिल हैं. ऐसे व्यक्तियों के स्वार्थ रहित सामाजिक एवं धार्मिक सेवाओं को मानना हमारा धार्मिक एवं सामाजिक कर्तव्य है. 

आजाद ने कहा कि उक्त सभी व्यक्ति अपने अपने क्षेत्र के सुप्रसिद्ध ज्ञानी एवं ख्याति प्राप्त है जो अपनी मिसाल आप हैं. इन्हें बिहार ही नहीं बल्कि देश विदेश में भी काफी लोकप्रियता हासिल है और इन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया गया है. आज भी उनकी सेवाओं को याद किया जाता है. ये भी बताते चलें कि इन व्यक्तित्व के अतिरिक्त भी अगर कोई प्रस्ताव आता है तो हम उन पर भी अवश्य विचार करेंगे. हमारा प्रयास है कि राज्य के जो सम्मानित व्यक्ति हैं उनकी निशानियां बाकी रहे. ताकि आने वाली पीढ़ी उन्हें भूलने ना पाए और ज्ञान के रूप में उनके द्वारा छोड़ी हुई बहुमूल्य संपत्ति एवं उनके जीवनकाल को पढ़कर लाभान्वित हो सकें. 

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