पटना. पिता का साया सिर से हट जाना जीवन का सबसे कष्टदायी क्षण होता है। यह कहना है शांतनु यादव का जो पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के बेटे हैं. शांतनु यादव का यह दर्द उस समय छलका है जब लोकसभा चुनाव के लिए राजद ने उम्मीदवारों का ऐलान किया और मधेपुरा से शांतनु को प्रत्याशी नहीं बनाया. जैसे ही राजद के उम्मीदवारों की सूची जारी हुई वैसे ही शांतनु ने अपना दर्द सोशल मीडिया पर बयां किया.
दरअसल, मधेपुरा सीट से राजद उम्मीदवार के रूप में प्रो. कुमार चंद्रदीप का नाम फाइनल किया गया है. उनके नाम की घोषणा के ठीक बाद शांतनु ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. इसमें शांतनु यादव अपने पिता शरद यादव के साथ तस्वीर में दिख रहे हैं. फोटो के साथ दिए कैप्शन में 'पिता का साया सिर से हट जाना जीवन का सबसे कष्टदायी क्षण होता है।' माना जा रहा है कि उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज शांतनु ने अपना दर्द बयां किया है.
शरद यादव सात बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं जिसमें 1991 से 2014 तक चार बार बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद रहे. वे मध्य प्रदेश के होने के बाद भी बिहार में सियासी पैठ बढ़ाने में सफल रहे. शरद यादव के निधन के बाद शांतनु लगातार मधेपुरा में डेरा डाले थे. उन्हें उम्मीद थी कि राजद उम्मीदवार बनायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब इसी दर्द को बयां करते हुए उन्होंने लिखा, पिता का साया सिर से हट जाना जीवन का सबसे कष्टदायी क्षण होता है।