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भाजपा की गोद में खेलने वाले लालू-नीतीश ना दें ज्ञान, ओवैसी की पार्टी ने राजद-जदयू को बकवास ना करने की दी नसीहत

भाजपा की गोद में खेलने वाले लालू-नीतीश ना दें ज्ञान, ओवैसी की पार्टी ने राजद-जदयू को बकवास ना करने की दी नसीहत

PATNA: बिहार की सियासत गरमाई हुई है। लोकसभा चुनाव होने में अब 100 दिन से भी कम का समय बचा है। ऐसे में सभी पार्टी अपने अपने स्तर से चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में ओवैसी के पार्टी एआईएमएआईए बिहार के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू यादव और इंडिया गठबंंधन पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि, बीजेपी के गोद में खेलने वाले लालू-नीतीश आज ज्ञान दे रहे हैं। 

इंडिया गठबंधन के द्वारा एआईएमएआई को बीजेपी की बी टीम कहने पर प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने भड़कते हुए कहा कि, हमें इनसे (इंडिया गठबंधन) से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। जिनके खुद के दांत गंदे होते हैं वह मंजन नहीं बेचा करते हैं। जो लालू नीतीश जी हैं, लालू यादव की सरकार ही बीजेपी के साथ बनी थी, वहीं सीएम नीतीश खुद बीजेपी के गोद में रहें हैं। वह यह बात बोले तो शोभा देता है क्या ? जो खुद अंधे हो वह दूसरों को अंधा कहने चले हैं। इनको शोभा देते हैं, इनका जबान और दिल साथ देता है जब यह कहते हैं। यह लोग बकवास कर रहे हैं। इनके बकवास से हमें फर्क नहीं पड़ता है। 


वहीं इंडिया गठबंधन के नेताओं का कहना है कि, ओवैसी की पार्टी बिहार में जितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ेगी इससे भाजपा को फायदा होगा। जिसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि,  मैं क्या उनका झोला ढोने के लिए हैं। हम पॉलिटिकल पार्टी हैं हमें चुनाव लड़ने का हक है। अगर उनको इतना है तो वह छोड़ दें वहां चुनाव लड़ना जहां हम लड़ रहे हैं। हम तो वैसे भी उनका साथ देते हैं। अख्तरुल इमाम ने कहा कि, यह लोग मुस्लमानों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं। उनको उनके हिस्से से बेदखल करना चाहते हैं, लेकिन हम अपनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे।  

मालूम हो कि, बिहार सरकार नव नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दे रही है। जिसको लेकर एआईएमएआईए के प्रदेश अधयक्ष ने कहा कि, बच्चे अचानक पैदा नहीं हो गए बिहार में जो 3 लाख शिक्षकों की जरूरत पड़ गई। यह तो बताएं की मुजरिम कौन हैं, किसने 10 सालों तक बिहार के बच्चों को पढ़ाई से वंचित रखा गया। घर जलाने वाला अगर दो बोरी चावल ला कर दे दें तो उसे मेहरबान नहीं समझते हैं। उन्होंने कहा कि, बिहार में प्राइमरी स्कूल को अपडेट करके मिडिल स्कूल बनाया गया, मिडिल स्कूल को अपडेट करके हाई स्कूल और हाई स्कूल का अपडेट करके प्लस टू बनाया गया। लेकिन टीचर प्राइमरी स्कूल का। हमारे बच्चे 10th और 11th पास किए बगैर शिक्षक के किए। इनके पास सनद है ज्ञान नहीं। यही वजह है कि 1 लाख70 हजार वैकेंसी निकलती है और 1 लाख20 हजार शिक्षक पास होते हैं। वो बेरोजगार बिहार उसमें भी वो लड़के जिनके पास सनद हैं वह नहीं उसमें से 35 हजार ऐसे बच्चे बहाल हो जाते हैं जो पहले से ही शिक्षक हैं। 14 हजार दूसरे राज्यों के हैं। 1 लाख 70 हजार में सब 70 हजार पास हो सकें। यह लोग घर जलाकर रिलीफ बांटने वाले लोग हैं।

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