पटना : बिहार में अबतक 269 से ज्यादा बच्चे चमकी बुखार के शिकार हो चुके हैं. इस मामले में बिहार सरकार की तरफ से कराए जा रहे सामाजिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में चौकाने वाले तथ्य सामने आये है.खुलासे से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की हवा निकल गयी है।अबतक की जांच में जो बात सामने आयी है उसमें अधिकांश उन बच्चों की मौत हुई है जो कच्चे घर में रहते थे।करीब तीस फीसदी वैसे परिवार के बच्चों की मौत हुई है जिनके घर में राशन कार्ड नहीं है।यानि मकान और अनाज दो बड़ी वजह रही है ।
जो बुखार आज तक सरकार और स्वास्थ विभाग के साथ साथ मेडिकल साइंस के लिए रहस्यमय बना हुआ है उसमें बिहार सरकार ने नए तथ्य का खुलासा करते हुए कहा है कि चमकी बुखार से मरने वाले मासूम कच्चे मकानों में रहते थे, साथ ही सर्वे की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 30 फीसदी वैसे परिवार के बच्चो की मौत हुई है जिनके घर मे राशन कार्ड नही था.स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट आ गयी है,विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा है जिसके बाद कुछ और तथ्य सामने आ सकते है.
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर और आस पास के इलाकों में चमकी से हुई मौत पर राज्य सभा में पहली बार पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों बिहार के चमकी बुखार की चर्चा हुई है. अत्याधुनिक मेडिकल साइंस के युग में ऐसी स्थिति हम सभी के लिए दु:खद और शर्मिंदगी की बात है. मोदी ने इसे अपनी सरकार की विफलता और नाकामी बताया है.
पीएम मोदी ने कहा कि इस दु:खद स्थिति में हम राज्य के साथ मिलकर मदद पहुंचा रहे हैं. ऐसी संकट की घड़ी में हमें मिलकर लोगों को बचाना होगा.
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट