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पत्थर बनी अहिल्या का प्रभू श्रीराम ने किया उद्धार, अब दलित किसान के खेत में पड़ी शिला से बनायी गयी ‘रामलला’ की मूर्ति, जानिए क्या है पूरा मामला

पत्थर बनी अहिल्या का प्रभू श्रीराम ने किया उद्धार, अब दलित किसान के खेत में पड़ी शिला से बनायी गयी ‘रामलला’ की मूर्ति, जानिए क्या है पूरा मामला

PATNA : रामायण में पत्थर बनी माता अहिल्या की मूर्ति को श्रीराम ने उद्धार किया था। अब उसी तरह अयोध्या में राममंदिर में स्थापित रामलला की प्रतिमा को लेकर एक रोचक कहानी सामने आई है। यहां जिस श्याम शिला पत्थर से रामलला की प्रतिमा तैयार की गई है, दरअसल में वह एक दलित किसान के खेत से निकाली गई थी। उस किसान इस पत्थर को इसलिए निकलवाया था कि क्योंकि वह अपनी जमीन को समतल कराना चाहता था। जिसमें यह पत्थर बड़ी बाधा बन रही थी। उस समय यह तय भी नहीं किया गया था कि इसी पत्थर से हिंदूओं के सबसे बड़ी आस्था का केंद्र बने राम मंदिर के लिए प्रतिमा तैयार की जाएगी।

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में एक कॉन्ट्रैक्टर ने दलित किसान की खेती की जमीन से इस पत्थर को निकाला था। दरअसल हारोहल्ली-गुज्जेगौडानापुरा के रहने वाले 70 साल के किसान रामादास एच अपने खेत को बराबर करवाना चाहते थे। इस खेत की जमीन बहुत पथरीली थी। रामदास की मानें तो उन्होंने पत्थर निकालने के लिए श्रीनिवास नटराज नाम के शख्स को पत्थर निकालने का ठेका दिया था।

कांट्रेक्टर को देना पड़ा 80 हजार का जुर्माना

10 फीट की खुदाई के बाद नटराज को एक बड़ा पत्थर मिला जो कि काले रंग का था। यह वह श्याम शिला थी जिसका इस्तेमाल अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाने में किया। इस पत्थर के बारे में आसपास के लोगों को पता चला तो उन्होंने सूचना माइन्स ऐंड जियोलॉजी डिपार्टमेंट को दे दी। विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और कहा कि नटराज ने यहां पर अवैध खनन किया है। अधिकारियों ने नटराज पर 80 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। 

बाद में योगीराज ने इसी पत्थर से तैयार की रामलला की प्रतिमा

बाद में अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति बनाने के लिए इसी श्यामशिला के एक टुकड़े का चुनाव किया। इस बात की जानकारी जब मैसूर से भाजपा के सांसद प्रताप सिम्हा को मिली तो उन्होंने कहा कि भाजपा वह पूरी रकम नटराज को लौटाएगी जो कि उन्होंने जुर्माने को रूप में भरी थी।

जहां पत्थर मिला, वहां बनेगा मंदिर

वहीं जिस किसान की जमीन से पत्थर निकाला गया था, उसका कहना है कि उस जगह पर एक राममंदिर बनाया जाएगा। इसमें स्थापित की जाने वाली मूर्ति को बनाने के लिए भी वह अरुण योगीराज से संपर्क करेंगे।

अवैध खनन को लेकर था जुर्माना

श्रीनिवास ने यह स्पष्ट किया है कि रामलला की मूर्ति के पत्थर को जानकर उनपर जुर्माना नहीं लगाया गया था। यह जुर्माना अवैध खनन को लेकर था। उन्होंने कहा कि जिस पत्थर से रामलला की मूर्ति गढ़ी गई है उसको लेकर कर्नाटक सरकार ने कोई जुर्माना नहीं लगाया था


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