DESK : फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे आईएएस की नौकरी हासिल करनेवाली पूजा खेडेकर को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा झटका दिया है। विवादों के कारण पूणे से वाशिम ट्रांसफर की गई पूजा की ट्रेनिंग को महाराष्ट्र सरकार ने रद्द कर दिया है। साथ ही उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है। वहीं पूजा खेडकर को वापस उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी बुलाया गया है। उन्हें 23 जुलाई तक रिपोर्ट करने को कहा गया है। जांच पूरा होने तक वे एकेडमी में ही रहेंगी।
इससे पहले पूजा खेडकर की ट्रेनिंग को एक हफ्ते के लिए रोका गया था। पूजा को 15 से 19 जुलाई तक अकोला में आदिवासी विकास परियोजना में प्रशिक्षु के रूप में शामिल होना था, लेकिन वाशिम जिला अधिकारी ने इस पर रोक लगाई थी। पूजा के दिव्यांग और OBC सर्टिफिकेट की पुलिस जांच हो रही है। सर्टिफिकेट जारी करने वाले डॉक्टर से भी पूछताछ हुई है।
उम्र में भी किया फर्जीवाड़ा
पूजा की UPSC में गड़बड़ी के मामले में और भी खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि पूजा ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम हैं। पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम 'खेडकर पूजा दिलीपराव' और उम्र 30 साल बताई थी। वहीं, 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम 'पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर' और उम्र 31 साल बताई।
दरअसल, UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी हैं।
पूजा पर दिव्यांगता और OBC आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करके भारतीय प्रशासनिक सेवा (UPSC) में सिलेक्शन पाने का आरोप है। विवाद बढ़ने के बाद उन्हें पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था।