बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

स्वतंत्रता दिवस पर महकी जलेबी गलीः कटिहार में पुश्तैनी कारोबार के रूप में पहचान, 50 सालों से बरकरार है इसकी रौनक और मिठास

स्वतंत्रता दिवस पर महकी जलेबी गलीः कटिहार में पुश्तैनी कारोबार के रूप में पहचान, 50 सालों से बरकरार है इसकी रौनक और मिठास

KATIHAR: राष्ट्रीय त्योहार हो, और जलेबी ना बांटी जाए, ऐसा तो संभव ही नहीं है। 26 जनवरी और 15 अगस्त के मौके पर जितना खास ध्वजारोहण होता है, उतना ही खास होता है जलेबी का वितरण। जलेबी एक ऐसी मिठाई है, जिसका स्वाद कई पीढ़ियां एकसाथ लेती हैं और लगभग सभी जगह यह आसानी से उपलब्ध हो जाती है। एक बार फिर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गली-गली और घर-घर, जलेबी की खुशबू से लबरेज रहेगा।

आजादी के 75 वर्ष में देश जहां हम अमृत उत्सव मना रहे हैं, वहीं इस खास मौके पर बात होगी कटिहार जिले की जलेबी गली की। जी हां, कटिहार जिले में जलेबी गली के नाम से इलाका सुप्रसिद्ध है। इसकी खासियत तो नाम से ही विदित है। आइए जानते हैं क्या है इसका इतिहास और इस वर्ष की स्वतंत्रता दिवस की विशेष तैयारियां-

तीन पीढ़ियों से जारी है कारोबार

यहां दुकान चलाने वाले नीतीश कुमार नाम के व्यक्ति बताते हैं कि वह तीसरी पीढ़ी है जो इस दुकान पर बैठ रही है। अब यह इनका पुश्तैनी कारोबार बन चुका है। इनकी दुकान में सफाई, शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है, जिससे इनके ग्राहकों की आवक बनी रहे। नीतीश कुमार ने बताया कि इस साल स्वतंत्रता दिवस को लेकर उन्होनें तैयारियां कर ली हैं। पहले से ही काफी ऑर्डर दिए जा चुके हैं। स्वतंत्रता दिवस पर जलेबी का अच्छा-खासा कारोबार होता है। दूरदराज से लोग यहां जलेबी लेने आते हैं।


5 दशक से लोगों के जीवन में मिठास घोल रही जलेबी गली

सांस्कृतिक संरक्षण परिषद के संरक्षक बिनय भूषण बताते हैं कि कटिहार की जलेबी गली 50 सालों से है। शुरूआत में यहां 5 जलेबी की दुकान थी, जो आज भी है। इसके अलावा भी कुछ दुकानें खुली हैं। उन्होनें बताया कि जब कटिहार का पूर्णिया से विभाजन नहीं हुआ था, तब सारे सरकारी कार्यक्रम पूर्णिया में होते थे। हर कार्यक्रम में यहीं से जलेबी जाती थी। आज भी इस गली की विशिष्ठता में कमी नहीं आई है।

राष्ट्रीय मिठाई है जलेबी

क्या आप यह बात जानते थे, कि जलेबी राष्ट्रीय मिठाई है? इसको लेकर बिनय भूषण बताते हैं कि 15 अगस्त, 1947 को जब देश आजाद हुआ, तो जिसको जो मिठाई मिली, उससे खुशी मनाई। उस दौरान भी जलेबी सहज और सर्वत्र उपलब्ध थी। बाद में जब डेटा निकाला गया तो पता चला कि देश में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 87 प्रतिशत जलेबी का इस्त्माल हुआ। उसी के बाद से जलेबी को राष्ट्रीय मिठाई का दर्जा मिल गया।

Suggested News