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मंडुआडीह नहीं अब बनारस रेलवे स्टेशन कहिए जनाब, योगी सरकार ने जारी की अधिसूचना

मंडुआडीह नहीं अब बनारस रेलवे स्टेशन कहिए जनाब, योगी सरकार ने जारी की अधिसूचना

Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का एक नाम बनारस भी है, लेकिन यहां पर बनारस नाम से कोई स्मारक या स्थान ना होना अब बनारस के लोगों को नहीं खलेगा. वाराणसी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन कर दिया गया है. ऐसा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के साथ ही हो गया है. इसके साथ ही रेलवे की ओर से इस रेलवे स्टेशन का नया कोड बीएसबीएस हो गया है.

इतना ही नहीं इस रेलवे स्टेशन का नाम पुराने मंडुआडीह के चलते रेलवे कोड एमयूवी हुआ करता था जो अब नए बनारस स्टेशन के मुताबिक बीएसबीएस हो गया है.स्टेशन का नाम और कोड बदलते ही अब बनारस स्टेशन के तमाम डिजिटल डिस्प्ले पर बनारस और बीएसबीएस दिखाई पड़ने लगा है और यहां पर पुराने साइन बोर्ड और अन्य स्थान जहां पर मंडुआडीह स्टेशन लिखा था, उसको भी हटाने की कवायद तेज हो गई है.

इन्हीं सारी चीजों का निरीक्षण करने पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम वीके पंजियार भी रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि नामकरण की कवायद में एक काम और बच गया है कि रेलवे ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में जिसे FIOS कहते हैं और रिजर्वेशन सिस्टम में नया नाम इनपुट करना भी सोमवार तक हो जाना चाहिए. इसके बाद मंडुआडीह स्टेशन से चलने वाली तमाम रेलगाड़ियों के डिब्बों पर लगे नाम को भी बदला जाना है. इसी क्रम में स्टेशन के सभी इंडिकेशन बोर्ड और अन्य बोर्ड भी बदले जा रहे हैं.इन्हीं सारी चीजों का निरीक्षण करने पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम वीके पंजियार भी रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि नामकरण की कवायद में एक काम और बच गया है कि रेलवे ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम में जिसे FIOS कहते हैं और रिजर्वेशन सिस्टम में नया नाम इनपुट करना भी सोमवार तक हो जाना चाहिए. इसके बाद मंडुआडीह स्टेशन से चलने वाली तमाम रेलगाड़ियों के डिब्बों पर लगे नाम को भी बदला जाना है. इसी क्रम में स्टेशन के सभी इंडिकेशन बोर्ड और अन्य बोर्ड भी बदले जा रहे हैं.

बता दें कि मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन करने का 17 अगस्त 2020 को गृह मंत्रालय ने आदेश भी जारी कर दिया है. हालांकि इस स्टेशन के नाम को बदले जाने की कवायद पहले ही तात्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा की ओर से शुरू कर दी गई थी. वहीं, अगस्त 2019 में इस स्टेशन का नाम बदले जाने को लेकर तत्कालीन वाराणसी जिलाधिकारी ने शासन को प्रस्ताव भी भेजा था. 

 


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