मांझी ने ब्राह्मण समाज से पूछे सवाल – तुलसीदास को पूजते हैं, रामायण के रचयिता वाल्मिकी को नहीं, रामचरित मानस पर भी निकाली भड़ास

JAMUI : बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर रामचरितमानस और उसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास को लेकर विवादित बयान दिया है। जमुई में आयोजित एक विवाह कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि रामचरितमानस अच्छा है, लेकिन उसको आंख मूंदकर नहीं मानना चाहिए। उसमें भी बहुत की बुराइयां हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती लोग मनाते हैं, लेकिन वाल्मीकि जिन्होंने रामायण लिखी है। उनकी जयंती लोग क्यों नहीं मनाते हैं?
पूछिये समाज से, चूंकि तुलसीदास ब्राह्मण हैं। इसलिए उनकी जयंती मनती है और रामायण लिखने वाले वाल्मीकि महर्षि कहलाते हैं। वे शेड्यूल जाति माने जाते हैं। इसलिए उनकी जयंती नहीं मनाई जाती है। ये नहीं चलेगा। ये लोग यही सिखाते हैं हम बहुजनों को कि तुम्हारा लिखने वाला रामायण महर्षि तुलसी दास है।
रामचरितामानस नहीं, वाल्मिकी रामायण सही
मांझी ने कहा तुलसीदास जी के रामचरितमानस को मत मानो, उसमें बहुत सारा कचरा भरा हुआ है, उसको साफ करना चाहिए। उसकी जगह वाल्मिकी रामायण को मानो। उन्होंने संस्कृत के कई श्लोक भी पढ़कर अच्छे और खराब का फर्क बताया।