पटना. बिहार में एमएलसी चुनाव के लिए भाजपा और जदयू की ओर से सीटें न देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने ‘सरेंडर’ कर दिया है. हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने शनिवार को कहा कि जदयू और भाजपा की हुई प्रेस कांफ्रेस में हम को शामिल होने के लिए जदयू के विजय चौधरी की ओर से बुलावा आया था. लेकिन हमारे पार्टी प्रमुख जीतन राम माझी पटना में नहीं थे.
दानिश ने कहा कि हमने एमएलसी के लिए 2 सीटें मांगी थी लेकिन इस चुनाव के लिए छह महीने पहले से तैयारी करनी होती है. चूकी हमारी रूप रेखा तय नहीं थी इसलिए एनडीए का निर्णय हमें मान्य है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एमएलसी की दो सीटों की वजह से हम बिहार का सर्वनाश नहीं कर सकते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में हर और विकास हो रहा है. विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, कोई अगर यह सपना देख रहा है कि एमएलसी सीटों की वहज से एनडीए में टूट हो जाएगी तो वे मुगालते में नहीं रहें. एमएलसी चुनाव में हम की भूमिका पर उन्होंने कहा कि इस पर जीतन राम मांझी के साथ सभी नेता बैठकर फैसला लेंगे.
इसके पूर्व एनडीए ने बिहार में 24 सीटों पर होने वाले विधानपरिषद चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा कर लिया. भाजप ने 12 और जदयू के कोटे में 11 सीटें गई हैं. वहीं 1 सीट पर पारस गुट की लोजपा चुनाव लड़ेगी. भाजपा कोटे में रोहतास, औरंगाबाद, सारण, सिवान,दरभंगा, पूर्वी चंपारण, किशनगंज,कटिहार, सहरसा,गोपालगंज, बेगूसराय,समस्तीपुर और वैशाली। वैशाली सीट लोजपा के खाते में जायेगी। जेडीयू कोटे में पटना,भोजपुर, गया, नालंदा, मुजफ्पऱपुर,प.चंपारण, सीतामढ़ी, भागलपुर, मुंगेर,नवादा और मधुबनी शामिल है। हालाँकि जदयू के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने कहा कि बीजेपी 13 सीटों पर लड़ना चाहती थी। हमलोग 12 सीटों पर लड़ना चाहते थे। इस पर लगातार बातचीत होते रही। लेकिन बीजेपी ने एक सीट पर लोजपा को एडजस्ट किया है।