भागलपुर- डॉक्टरी की पढ़ाई अभी भी हिन्दी मध्यम से करना सपना हीं लगता है लेकिन ये स्वप्न जल्दी हीं पूरी होने जा रही है. अब तक एमबीबीएस की पढ़ाई केवल अंग्रेज़ी माध्यम में होती थी .जिसके कारण हिंदी माध्यम से आए हुए छात्रों को कई प्रकार के कठिनाइओं का सामना करना पड़ता था . इसे ध्यान में रखते हुए जेएलएनएमसीएच कॉलेज प्रबंधन की तरफ से विशेष पहल किया गया है.
जेएलएनएमसीएच कॉलेज प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि अब एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी माध्यम में भी होगी. कॉलेज प्रशासन ने इसके लिए आर्यभट ज्ञान विश्वविद्यालय से पुस्तकें मंगाईं हैं. इसके साथ हीं हिंदी भाषी प्रोफ़ेसरों का चयन भी किया जा रहा हैं . जेएलएनएमसीएच में हर साल 120 छात्रों नामांकन होता हैं. इनमें जो भी छात्र हिंदी माध्यम से पढ़ने को इक्छुक होंगे उन्हें कॉलेज प्रबंधन की ओर से हिंदी में किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी.
अब दिक्कत कुछ तकनीकि शब्दों को लेकर हो सकता है . जेसे गॉल ब्लाडर ,किडनी ,फेलोपियन ट्यूब जैसे शब्दों का हिंदी रुपांतरण अंग्रेज़ी से बिल्कुल अलग होगा .
वहीं डॉक्टरों का कहना हैं कि पढ़ाई तो हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में होती थी लेकिन अब इसे मान्यता देकर का फूलप्रुफ बनाया जा रहा हैं .साउथ, नॉर्थ ईस्ट अन्य प्रदेशों के अधिकतर बच्चे अंग्रेजी आसानी से समझते हैं ऐसे में हिंदी पढ़ने वाले बच्चों को के लिए बैच बनाना पड़ सकती है. तभी इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है.
इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या किताबों को लेकर हो सकती है. अभी मेडिकल की अछ्छी और मान्य किताबें अंग्रेजी में ही उपलब्ध हैं, ऐसे में हिन्दी में उनके अनुवाद की व्यवस्था करनी पड़ सकती है. वैसे कुछ किताबें हिंदी माध्यम में पहले से छप रही. विश्वविद्यालय स्तर पर किताबों खरीद के लिए टेंडर जारी कर दिया गया हैं . अभी किताब की आपूर्ति नहीं हो सकी हैं वहीं इस बाबत में जेएलएनएमसीएच के प्राचार्य डॉ. उदय परायण सिंह का कहना हैं कि नए सेशन में हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई होगी . इसके लिए विवि स्तर पर काम चल रहा है.किताबों की खरीद प्रक्रिया पटना में चल रही हैं, किताबों के आने पर इस दिशा में काम आगे बढ़ेगा.
बता दे अब तक एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेज़ी माध्यम में होती थी जिसकों लेकर हिंदी भाषी छात्र हमेशा तनाव में रहते थे. छात्रों की समस्याओं पर विशेष पहल करते जेएलएनएमसीएच प्रबंधन के द्वारा छात्रों के हित को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया हैं .