PATNA
: रविवार को पटना म्यूजियम के
सभागार में एक्शन मीडिया और नव अस्तित्व फाउंडेशन के द्वारा तीसरे बिहार डायलॉग का आयोजन किया गया । आयोजन की शुरूआत रैमन मैग्सेसे
पुरस्कार से सम्मानित और कपड़ों पर काम करने के लिए प्रसिद्ध अंशु गुप्ता, समाजसेवी पदमश्री सुधा वगीज, यूनिसेफ की व्यवहार
परिवर्तन संचार विशेषज्ञ मोना सिन्हा, महावीर कैंसर संस्थान
की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ मनीषा सिंह, साइकोलॉजीस्ट, डॉ बिंदा
सिंह, दूरदर्शन पटना की कार्यक्रम निदेशक रत्ना पुरकायस्थ,
जीविका की सुश्री सौम्या और अन्य गणमान्य अतिथियों के उपस्थिति में
दीप जला कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंशु गुप्ता ने कहा कि माहवारी केवल महिलाओं से जुड़ा विषय नहीं है बल्कि सारे हयूमन का विषय है। यह हमारी आधी से ज्यादा आबदी से जुडा मुद्दा हैं । आज देश में जब सबको दो वक्त की रोटी नसीब नही हो पाती तो कपड़े और पैड कैसे नसीब हो सकते हैं। हमें यह ध्यान रखना होगा कि यह एक फैशनेबल विषय बनकर न रह जाएं। अंशु गुप्ता ने कहा की इसे सिफ सैनेटरी वितरण के साथ ही दूर नही किया जा सकता। इसके लिए जरूरी है तीन महत्वपूण कदमों उपलब्धता, अफडिबलिटी और जागरूकता पर काम करने की। गूंज के काम के बारे में बताते हुए उन्होंनें कहा कि आजकल कप के प्रयोग की चर्चा आम है लेकिन भारत और खासकर बिहार जैसे राज्य के लिए जहां सैनेटरी नैपकीन नहीं उपलब्ध हैं इसकी बात बेमानी है। कॉटन नैपकिन को ज्यादा व्यवहारिक बताते हुए उन्होनें कहा कि इन पैडस का डिस्पोजल भी एक समस्या हैं। कुछ लोग दावा करते हैं कि उनकी कंपनी का प्रोडक्ट 80 प्रतिशत बायोडीग्रेडेबल है और 20 प्रतिशत नन बायोडीग्रेडेबल। पैड से ज्यादा आवश्यक है माहवारी के बारे में संवाद स्थापित करना।
यूनिसेफ की व्यवहार परिवर्तन संचार विशेषज्ञ मोना सिंहा ने पैडमैन फिल्म के मैसेज के बारे में बात करते हुए कहा कि इस विषय पर संवाद के साथ ही इससे जुडी उत्थान योजनाओं का होना भी अति आवश्यक है। इसकी शुरूआत हमें घर से करनी होगी। मनो चिकित्सक डॉ बिंदा सिंह ने कहा कि महिलाओं को अवषेशित कम्पल्सिव डिजिज का सामना करना पड़ता है। माहवारी समस्याएं माहवारी की वजह से न होकर अंधविश्वासों के कारण और बढती जाती है। जीविका की सुश्री सौम्या ने कहा कि जागरूकता का घर-घर होना जरूरी है न कि बाहर। उन्होंने कहा कि बिहार में जीविका 80 लाख महिलाओं के साथ काम कर रही हैं। इस अवसर पर माहवारी से संबंधित राहुल वर्मा निर्देशित हैप्पी पीरियड नामक फिल्म भी दिखाया गया। कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन एक्शन मीडिया की ओर से मधुरिमा राज ने किया। नव अस्तित्व फाउंडेशन की ओर से अमृता सिंह और पल्ल्वी सिन्हा ने सभी अतिथियों को शाल और प्रतिक चिह्न देकर सम्मानित किया।