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मंत्री प्रमोद कुमार ने प्रमंडल स्तरीय की समीक्षा बैठक, कहा- धार्मिक परिसंपत्तियों का किया जा रहा है सर्वे, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे

मंत्री प्रमोद कुमार ने प्रमंडल स्तरीय की समीक्षा बैठक, कहा- धार्मिक परिसंपत्तियों का किया जा रहा है सर्वे, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे

गया. गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में धार्मिक न्यास पर्षद की परिसंपत्तियों एवं गन्ना उद्योग के विकास पर प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई. इस दौरान उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के तहत विभिन्न जिलों में स्थित मंदिर, मठ, धर्मशाला एवं अन्य धार्मिक स्थल इत्यादि की भूमि एवं परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण किया जा रहा है, ताकि राज्य में विधि व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके. साथ ही राज्य में धार्मिक सहिष्णुता बनी रहे.

माननीय मंत्री ने बताया कि कभी-कभी मठों, मंदिरों की परिसंपत्तियों के लिए विवाद एवं विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसे ध्यान में रखते हुए तथा राज्य में अमन-चैन स्थापित करने के उद्देश्य से निबंधित तथा अनिबंधित दोनों स्तर के मंदिरों, मठों एवं अन्य धार्मिक स्थल के सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त द्वारा वैशाली में इस कार्य हेतु बैठक का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि इस कार्य में अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी तथा अपर समाहर्ता राजस्व की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

ट्रस्ट, मंदिर, मठ एवं अन्य धार्मिक स्थल की परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण हेतु बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद द्वारा एक प्रपत्र तैयार किया गया है, जिसमें विस्तार से परिसंपत्तियों /भूमि के विवरणी की एंट्री की जाएगी. माननीय मंत्री ने मगध प्रमंडल के सभी जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि एक माह के अंदर अपने जिला अंतर्गत सभी संबंधित मंदिरों, मठों, धार्मिक स्थलों के भूमि तथा परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण कराना सुनिश्चित करें. साथ ही अपने डिस्टिक पोर्टल पर एंट्री भी करवाना सुनिश्चित करें, ताकि आमजन एवं विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिक भी अपने राज्य के धार्मिक स्थलों के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सके तथा अपनी संस्कृति के महत्व को भी समझ सकें.

मंत्री ने जोर देकर कहा कि सभी धार्मिक स्थलों की परिसंपत्ति /भूमि, राष्ट्र की संपत्ति है और इसका संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक है. लोगों ने अपने राज्य के धार्मिक स्थलों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है. माननीय मंत्री ने बैठक में उपस्थित माननीय विधायकों एवं विधान पार्षदों से अनुरोध किया कि अगर उनके क्षेत्र में कोई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनके भूमि एवं परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण आवश्यक है, तो उसकी सूची जिला पदाधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराएं.

बैठक में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए०के० जैन ने बताया कि इस संबंध में 1950 में अधिनियम पारित किया गया था, जो वर्ष 2021 में परिणाम स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि राज्य में स्थित किसी भी मंदिर, मठ, धर्मशाला, धार्मिक स्थल, कबीर मठ इत्यादि के परिसंपत्ति को बेचने एवं स्थानांतरित करने का अधिकार मंदिर के पुजारियों, सेवादारों, महंतो, किसी को भी नहीं है. इसके लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद की अनुमति आवश्यक है. अगर कहीं विवाद है अथवा संचालन में अनियमितता है तो इसकी सूचना पर्षद को देना आवश्यक है.

उन्होंने बताया कि राज्य में 4500 मंदिर रजिस्टर्ड है. अंचला अधिकारी को निर्देश दिए जा रहे हैं कि जो मंदिर, मठ रजिस्टर्ड नहीं है, उनके संबंध में रिपोर्ट अविलंब उपलब्ध कराएं. पर्षद स्तर पर इन परिसंपत्तियों का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. बैठक में आयुक्त, मगध प्रमंडल मयंक वरवड़े ने मंत्री तथा अन्य आगत अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि जिला पदाधिकारी तथा राजस्व पदाधिकारी के सहयोग से परिसंपत्तियों की विवरणी/ सर्वेक्षण निर्धारित अवधि में तैयार की जाएगी तथा भूमि संबंधी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.

बैठक में माननीय सांसद, गया विजय कुमार ने कहा कि मगध प्रमंडलीय समीक्षा बैठक में गया के विष्णुपद मंदिर, मंगला गौरी सहित अन्य मंदिरों, मठों की परिसंपत्तियों को चिन्हित करने का कार्य स्वागत योग्य है. साथ ही संबंधित धार्मिक स्थलों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना भी आवश्यक है, ताकि हम अपनी धरोहर तथा विरासत को संरक्षित एवं सुरक्षित रख सकें.

बैठक में जिला पदाधिकारी, गया अभिषेक सिंह द्वारा बताया गया कि गया जिले में मंदिरों, मठों एवं अन्य धार्मिक स्थलों के परिसंपत्तियों के देखरेख हेतू एक कोषांग का गठन किया जाएगा, जिसके नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता राजस्व होंगे, जो धार्मिक स्थल पंजीकृत नहीं है, उन्हें भी पंजीकृत करने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि एक माह का समय दिया गया है, उसके अंदर बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद को विस्तृत प्रतिवेदन उपलब्ध कराएंगे.

जिला पदाधिकारी ने बताया कि बोधगया मठ के लिए एक समिति का गठन किया गया है. साथ ही उन्होंने कहा जिले में मठ, मंदिरों, धार्मिक स्थलों के संस्कृति एवं धार्मिक महत्व तथा उनके परिसंपत्तियों के संबंध में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जाएगी. जिला पदाधिकारी ने बताया कि लगभग 188 मठों, मंदिरों की सूची धार्मिक न्यास  पर्षद के अंतर्गत चिन्हित किए गए हैं.

जिला पदाधिकारी जहानाबाद ने बताया कि लगभग 94 मठों, मंदिरों की सूची जहानाबाद में धार्मिक न्यास बोर्ड पर्षद ने चिन्हित किए हैं. जिला पदाधिकारी नवादा ने बताया कि लगभग 50 मठों, मंदिरों की सूची नवादा जिले में धार्मिक न्यास बोर्ड पर्षद ने चिन्हित किए हैं. जिला पदाधिकारी अरवल ने बताया कि लगभग 50 मठों मंदिरों की सूची अरवल जिले में धार्मिक न्यास बोर्ड पर्षद ने चिन्हित किए हैं.

सभी जिला पदाधिकारियों द्वारा सभी जिलों से संबंधित धार्मिक परिसंपत्तियों का विवरण निर्धारित तिथि में देने का आश्वासन दिया गया है. बैठक में विधायक गुरुआ विनय कुमार ने बैजुनाथ धाम के मठ की जमीन का सौंदर्यीकरण कराने का अनुरोध किया. विधायक बोधगया कुमार सर्वजीत ने बताया कि वे विरासत समिति के सदस्य हैं तथा बोधगया मठ के धरोहरों को बचाने हेतु प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि बोधगया मठ के सौंदर्यीकरण के लिए जिला पदाधिकारी को राशि दी जाए ताकि इसे संरक्षित किया जा सके. भगवान बुद्ध की मंदिर (बीटीएमसी) की तरह इसे संरक्षित एवं सुव्यवस्थित कराया जाए.

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