चुनाव आयोग ने एक्साइज कमिश्नर को तो हटा दिया, पर शराब को बढ़ावा देने वाले घूसखोर उत्पाद दारोगा पर एक्शन लेने में हाकिमों को छूट रहे पसीने

PATNA: बिहार में विधान सभा के चुनाव हो रहे हैं। चुनाव आयोग स्वच्छ-निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराने को लेकर तमाम कोशिश कर रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त बिहार की चुनावी तैयारी को लेकर दौरा कर चुके हैं। वे सूबे के वरिष्ठ अधिकारियों से तमाम तैयारियों का जायजा भी ले चुके हैं। बिहार में शराबबंदी के बाद भी शराब की बेतहाशा वृद्धि और एक्साइज डिपार्टमेंट की कोई कार्ययोजना नहीं होने पर आयोग ने तत्काल एक्साइज कमिश्नर को हटा दिया था। बावजूद इसके उत्पाद विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हो रहा है। विभाग के अधिकारी घूसखोर कर्मियों की फाइल दबाकर बैठे हैं। अपने मातहत को बचाने के लिए विभागीय अधिकारी शो-कॉज -शो कॉज का खेल कर रहे। तभी तो मोतिहारी के तत्कालीन एक्साइज दारोगा विश्वमोहन पासवान का वीडियो वायरल होने के दो महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में बड़ा सवाल यही खड़ा हो गया है कि घूसखोर अधिकारी को ऊपर के अधिकारी ही संरक्षण दे रहे हैं।
न्यूज4नेशन ने 7 अगस्त को किया था खुलासा
बिहार में जिस पर शराबबंदी सफल बनाने की जिम्मेदारी है वही माल बटोरने में जुटा है। हम बात कर रहे हैं एक्साइज पुलिस की। मोतिहारी में एक्साइज के एक दारोगा का वीडियो वायरल हुआ था। न्यूज4नेशन ने इसका खुलासा किया था था कि मोतिहारी में पदस्थापित रहे एक दारोगा विश्वमोहन पासवान थाने में ही दोनों हाथ से पैसा ले रहा। मोतिहारी एक्साइज विभाग में पदस्थापित रहे और वर्तमान में सहरसा उत्पाद कार्यालय में पदस्थापित दारोगा विश्वमोहन पासवान का पैसा लेते वीडियो वायरल हुआ था.
अब तक सिर्फ शो-कॉज की हुई खानापूर्ति
मोतिहारी उत्पाद थाने में ही पैसा लेने का वीडियो सामने आने के बाद आरोपी दारोगा विश्वमोहन पासवान पर विभाग ने संज्ञान लिया था।तब बताया गया था कि विभाग ने इस संबंध में वहां के एक्साइज अधीक्षक से इस बारे में जानकारी मांगी गई है और आरोपी दारोगा से शो-कॉज पूछा गया है। लेकिन डेढ़ महीने से अधिक हो गए उसके बाद विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। बताया जाता है कि दारोगा के ऊपर एक बड़े अधिकारी का हाथ है, इसी वजह से शो-कॉज पूछने के बाद मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही। जानकारी के अनुसार अब तक दारोगा ने कोई जवाब नहीं दिया है और इस तरह से पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
दारोगा ने घूस में मांगे थे 30 हजार,लिया 13 हजार
वायरल वीडियो इस साल मार्च के शुरूआत की बताई जा रही है जब माल बटोरने वाला दारोगा मोतिहारी में पदस्थापित रहा था।वीडियो मोतिहारी एक्साइज थाने की है जहां दारोगा विश्वमोहन पासवान थाना के कार्यालय में बैठ कर लेन-देन की बातें कर रहा।जानकारी के अनुसार कोटवा थाना इलाके के एक शख्स को शराब वाले केस में नाम हटाने को लेकर लेन-देन की बातें हो रही है। वीडियो में साफ-साफ सुनाई पड़ रहा है कि दारोगा मोहन पासवान शराबबंदी वाले केस में एक व्यक्ति को छोड़ने के लिए तीस हजार रू की मांग कर रहा है।लेकिन सामने वाला शख्स तीस हजार देने को तैयार नहीं।वह कह रहा कि हमारे पास तो 13 हजार रू ही है। घूस में तीस हजार मांगने वाले दारोगा जी 13 हजार रू सुनते ही थोड़ी देर के लिए चुप हो गए।इसके बाद कुर्सी छोड़कर उठ गया और दूसरे साइड में गया।इसके बाद भोजपुरी भाषा में बोलता है लाव-लाव... जल्दी।इसके बाद एक व्यक्ति रूपयों का बंडल दारोगा जी हाथ में थमाता है।
वीडियो बना रहल बानी का जी....
दारोगा मोहन पासवान रूपया अपने हाथ में लेता है।इसके बाद उसकी कोशिश होती है कि कुछ रू लिया जाये।लेकिन वह व्यक्ति देने में असमर्थ होता है और अपनी पॉकेट को दिखाता है।इसी बीच एक शख्स बगल में खड़ा रहता है जो गोपनीय तरीके से वीडियो बना रहा होता है।जब दारोगा को शंका होती है तो पूछता है कि वीडियो बना रहल बानी का जी.....इस पर वीडियो बनाने वाला शख्स जवाब देता है कि हमारा यही काम है......
जानिए माल बटोरने वाले दारोगा ने क्या कहा
माल बटोरने वाले दारोगा जी से जब पूछा गया था कि वीडियो में आप पैसा लेते दिख रहे हैं।उसमें आप कह रहे कि तीस हजार रू लाओ।इस पर माल बटोरने वाला एक्साइज दारोगा विश्व मोहन पासवान ने पहले तो कहा कि यह पुराना वीडियो है।जब न्यूज4नेशन ने फिर सवाल पूछा कि आप तो पैसा लेते समय यह भी कह रहे कि वीडियो भी बना रहे क्या...इस पर घूसखोर दारोगा ने कहा कि नहीं यह सब सही बात नहीं है वीडियो ही गलत है।