बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

दो बड़े भूमिहार नेताओं की हत्या कर अपराध की दुनिया में आतंक का दूसरा नाम बना मुख़्तार अंसारी, अब अजय राय का बड़ा बयान

दो बड़े भूमिहार नेताओं की हत्या कर अपराध की दुनिया में आतंक का दूसरा नाम बना मुख़्तार अंसारी, अब अजय राय का बड़ा बयान

DESK. आतंक का दूसरा नाम बन चुके मुख़्तार अंसारी की मौत के बाद उसके खौफनाक कारनामे के कई दास्तान लोगों के जेहन में उभर रहे हैं. इसमें यूपी में दो बड़े भूमिहार नेताओं की हत्या का मामला भी जुड़ा है. एक तरह से यह पूर्वांचल में भूमिहार जाति के उभरते नेताओं पर मुख्तार का बड़ा प्रहार था. इसने इस इलाके में जातीय राजनीति में भूमिहारों को बड़ा झटका दिया था. मुख्तार अंसारी ने सबसे पहले वर्ष 1991 में वर्चस्व को लेकरअवधेश राय की हत्या की थी. अवधेश राय मौजूदा यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे. तीन अगस्त 1991 को वर्चस्व को लेकर मारुति वैन से आए पांच हमलावरों ने अवधेश राय की अत्याधुनिक असलहों से अंधाधुन गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी.

मुख्तार की मौत के बाद अब अजय राय ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शनिवार को कहा कि यह हमारी संस्कृति नहीं है कि किसी की मौत के बाद हम उसके बारे में बात करते हैं या उस पर कोई टिप्पणी करते हैं. इसे अनुचित माना जाता है. मैं न्यायपालिका के प्रति आभारी हूँ मेरे भाई अवधेश राय की हत्या के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा मिली. सरकार को उन पर लगे आरोपों पर ध्यान देना चाहिए. 

दरअसल, इस मामले में अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व राकेश न्यायिक के खिलाफ धारा 148, 149 व 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। आरोपित भीम सिंह को गैंगस्टर के एक मामले में दस वर्ष की सजा हो चुकी है, वह गाजीपुर जेल में बंद है। आरोपित राकेश न्यायिक ने मामले में अपनी फाइल मुख्तार ने अलग करवा ली थी। उसका केस प्रयागराज सेशन कोर्ट में चल रहा है. अब इस मामले में मुख्तार अंसारी की भी मौत हो चुकी है. 

कृष्णानंद राय हत्याकांड : वहीं दूसरे भूमिहार नेता रहे कृष्णानंद राय जिन पर करीब 500 गोलियां बरसाई गई थी. वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी. 2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। बताया जाता है कि भाई की हार पर मुख्तार बौखला गया था और जिसके बाद ये घटना हुई। हत्याकांड के समय मुख्तार जेल में बंद था। वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय समेत 7 लोगों की हत्या की गई थी. 

29 नवंबर 2005 को एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई, करीब 500 गोलियां चलाई गईं. कृष्णानंद समेत 7 लोग मारे गए. कृष्णानंद राय के शरीर से 67 गोलियां निकाली गईं. यह सामान्य हत्या नहीं थी. यह बताने के लिए था कि आपके इलाके में आपके लोगों के बीच घुसकर मारा है. कृष्णानंद राय की चुटिया उस समय फेमस हो चुकी थी. कहा जाता है कि हमलावरों में से एक हनुमान पांडेय ने उनकी चुटिया काट ली थी. बाद में उसी दौरान का एक ऑडियो सामने आया, जिसमें मुख्तार जेल से ही एक माफिया से बात कर रहे हैं और बता रहे हैं ‘चुटिया काट लिहिन’. 

उस वक्त मुख्तार अंसारी गाजीपुर जेल में बंद था. मुख्तार ने फोन पर कहा था कि चोटी काट ली है, जय श्री राम ... पिछले वर्ष ही कोर्ट ने मुख़्तार को इस मामले में 10 साल और अफजाल को 4 साल की सजा सुनाई. अवधेश और कृष्णानंद राय की हत्या यूपी में भूमिहार समाज के दो बड़े नेताओं की हत्या के रूप में रहा. 


Suggested News