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मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड : आंखों की रोशनी खोने वाले पीड़ितों के लिए पटना हाई कोर्ट का बड़ा निर्देश

मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड : आंखों की रोशनी खोने वाले पीड़ितों के लिए पटना हाई कोर्ट का बड़ा निर्देश

पटना. पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में कई व्यक्तियों के आंख की रौशनी खो जाने के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को उन पीडितों के नाम देने का निर्देश दिया है, जिन्हें अब तक मुआबजा नहीं मिला है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिन्द के आपरेशन में 32 व्यक्तियों ने आँखों की रौशनी खो दिया था। इनमें से 19 पीडितों को राज्य सरकार द्वारा मुआबजा मिला है।लेकिन बाकी 13 पीडितों को अब तक भी मुआबजा नहीं मिला सका है।

कोर्ट ने इसे काफी गम्भीरता से लेते अधिवक्ता विजय कुमार सिन्हा को इन पीडितों के नाम कोर्ट के समक्ष देने का निर्देश दिया है। इसके बाद कोर्ट इन्हें मुआबजा देने का आदेश राज्य सरकार को देगा। मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में  निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवा और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर द्वारा हलफनामा नहीं दायर करने को गम्भीरता से लिया थ। कोर्ट ने पिछली सुनवाईयों में मुजफ्फरपुर के एस एस पी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत  करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में कहा था कि  इस मामलें में गठित डॉक्टरों की कमिटी को चार सप्ताह मे अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कोर्ट को बताया गया था कि आँखों की रोशनी गवांने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक एक लाख रुपए दिए गए हैं। साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफ आई आर दर्ज कराया गया था,लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आँखें की रोशनी खोनी पड़ी।

याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी। इस मामले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई 2023 को की जाएगी।


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