बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का ऐलान, जानिए बिहार के कामेश्वर चौपाल समेत कौन-कौन होंगे सदस्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। उन्होंने घोषणा की कि राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट का नाम 'श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' होगा। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके बताया कि 15 में से एक सदस्य दलित समुदाय से भी होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रस्ट में शामिल किए जाने वाले लोगों में ऐडवोकेट के पराशरण,  बिहार के कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेंद्र दास और अयोध्या राज परिवार से जुड़े विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा जैसे नाम प्रमुख हैं।

के पराशरण

राम मंदिर ट्रस्ट में  सबसे पहला नाम वरिष्ठ वकील के पराशरण का है। पराशरण ने अयोध्या केस में लंबे समय से हिंदू पक्ष की पैरवी की। आखिर तक चली सुनवाई में भी पराशरण खुद बहस करते थे। रामलला के पक्ष में फैसला लाने में उनका अहम योगदान रहा है।

कामेश्वर चौपाल
 गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके बताया कि राम मंदिर के लिए बनने वाले ट्रस्ट में एक सदस्य दलित समुदाय से भी होगा। इसके तहत कामेश्वर चौपाल को भी ट्रस्ट में जगह मिल सकती है। 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में कामेश्वर ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी। वे बीजेपी के एमएलसी भी रह चुके हैं। आरएसएस ने उन्हें पहले कारसेवक का भी दर्जा दिया है।


 बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र
 अयोध्या के कमिश्नर एमपी अग्रवाल ने राम जन्मभूमि रिसीवर का चार्ज छोड़ दिया है। उन्होंने यह चार्ज अयोध्या राज परिवार के बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को सौंप दिया है। बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी बनाए गए हैं।

महंत दिनेंद्र दास
 राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकार रहे निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक के चीफ महंत दिनेंद्र दास को भी ट्रस्ट में जगह मिली है। सूत्रों के मुताबिक, दिनेंद्र दास बैठक में हिस्सा तो लेंगे लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।
 
 इनके अलावा महंत दिनेंद्र दास,जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, जगद्गुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज, परमानंद जी महाराज, स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज के नाम भी प्रमुख हैं। इनके अलावा कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को भी ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है। बताते चलें कि अयोध्या में मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी अब ट्रस्ट के हाथ में ही होगी।


Editor's Picks