NEW DELHI : आनेवाले समय में लाइफ इश्योरेंस प्रीमियम की दरें सस्ती हो सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह लाइफ इश्योरेंस प्रीमियम पर लगनेवाली जीएसटी को हटाए। देश के सड़क एंव परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसके लिए वित्त मंत्री को पत्र लिखा है।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम से GST हटाने की मांग की है।
अपने पत्र में गडकरी ने कहा - नागपुर मंडल लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एम्पलॉइज यूनियन ने मुझे इंश्योरेंस इंडस्ट्री से संबंधित मुद्दे के बारे में एक ज्ञापन सौंपा है और उसे आपके सामने उठाने का अनुरोध किया है। यूनियन का मुद्दा लाइफ एंड मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम से GST वापस लेने के लिए संबंधित है, दोनों में ही 18% की GST लगता है।
लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर टैक्स लगाने के समान है। यूनियन का मानना है कि व्यक्ति जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करने के लिए इंश्योरेंस खरीदता है, इसलिए उस पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए।
गंभीरता से करें विचार
नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस विषय पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा - आपसे अनुरोध है कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें।
तेजी से बढ़ रहा इश्योरेंस सेक्टर
अभी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर 18% GST लगता है। इस कदम से लोगों को सस्ता इंश्योरेंस मिलेगा और सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में इंश्योरेंस प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, GDP की हिस्सेदारी के रूप में इंश्योरेंस की पहुंच वित्त वर्ष 2013 में 3.8% से बढ़कर वित्त वर्ष 35 तक 4.3% होने का अनुमान है। वहीं, इस बीच लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम 2024 से 2028 तक सालाना आधार पर 6.7% से बढ़ने का अनुमान है।