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'नीतीश सांप है, हर 2 साल में साँप की तरह नया चमड़ा धारण कर लेता है' लालू की टिप्पणी बन रही सुर्खियां... अपने ही बयान पर घिर गए अमित शाह

'नीतीश सांप है, हर 2 साल में साँप की तरह नया चमड़ा धारण कर लेता है' लालू की टिप्पणी बन रही सुर्खियां... अपने ही बयान पर घिर गए अमित शाह

पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किस करवट लेंगे यह सियासी सवाल सबको हैरान किए है। इन सबके बीच राजनेताओं के पुराने बयान भी सुर्खियां बटोर रहे हैं। नीतीश कुमार को किसी दौर में पलटूराम कहने वाले राजनेताओं ने एक बार फिर से उनके अगली सियासी कदम को लेकर अलग-अलग टिप्पणियां करनी शुरू कर दी है। साथ ही यह भी याद दिलाना शुरू किया है कि नीतीश कुमार की तो यही फितरत रही है क्योंकि वे किसी के साथ लम्बे समय तक भरोसेमंद नहीं रह पाते हैं। सीएम नीतीश को लेकर राजद सुप्रीमो लालू यादव का एक पुराना बयान भी वायरल हो रहा है जिसमें लालू ने नीतीश की तुलना सांप से की थी। 
नीतीश सांप है : लालू यादव का 3 अगस्त 2017 का एक ट्वीट वायरल हो रहा है । तब भी लालू यादव को छोड़कर नीतीश कुमार एनडीए में चले गए थे। नीतीश कुमार के इस कदम से नाराज लालू ने उन्हें सांप से तुलना कर दिया था। लालू ने कहा था, 'नीतीश सांप है जैसे सांप केंचुल छोड़ता है वैसे ही नीतीश भी केंचुल छोड़ता है और हर 2 साल में साँप की तरह नया चमड़ा धारण कर लेता है। किसी को शक?' संयोग से अगस्त 2022 में हुई नीतीश -लालू की दोस्ती अभी दो साल भी नहीं हुई है और फिर से सीएम नीतीश के पलटी मारने की खबर सुर्खियां बनी हैं। 
अमित शाह अपने ही बयान पर घिरे : न केवल लालू बल्कि नीतीश कुमार से भाजपा की बढ़ती नजदीकियों पर सोशल मीडिया पर लोगों ने गृह मंत्री अमित शाह को भी घेरा है। 2 अप्रैल 2023 को बिहार दौरे पर आए अमित शाह ने कहा था, 'किसी के भी मन में अगर ये संशय हो कि चुनाव परिणामों के बाद नीतीश बाबू को फिर से भाजपा, NDA गठबंधन में लेगी। तो मैं बिहार की जनता को स्पष्ट कह देना चाहता हूँ कि आप लोगों (नीतीश कुमार) के लिए भाजपा के दरवाज़े हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं।”
नीतीश भी सवालों में :  इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी एक बयान सुर्खियां बटोर रही हैं। नीतीश का यह बयान कई वर्ष पुराना है। वर्ष 2013 में जब नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में आगे किया था उसके बाद नीतीश ने एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था। बाद में वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव नीतीश की जदयू ने अकेले लड़ा था और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर जदयू चुनाव में उतरी थी। इस दौर में नीतीश कुमार ने भाजपा को लेकर एक टिप्पणी की थी। तब सीएम नीतीश ने कहा था, "मर जाना कबूल है पर भाजपा के साथ जाना कबूल नहीं है।” वहीं अब फिर से नीतीश के भाजपा के साथ जाने की खबर बनी तो लोग नीतीश का पुराना बयान याद कर रहे हैं। 

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