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'मांझी' पर आपा खोकर नीतीश कुमार ने किया दलितों का अपमान, मित्र ने दी सलाह- 'तेजस्वी' को सत्ता सौंप करें आराम

'मांझी' पर आपा खोकर नीतीश कुमार ने किया दलितों का अपमान, मित्र ने दी सलाह- 'तेजस्वी' को सत्ता सौंप करें आराम

पटनाः पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं पर अश्लील टिप्पणी के बाद महादलित समाज के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के लिए जिस तरह से आपा खो कर "तुम-ताम" की भाषा का प्रयोग किया, उससे साफ है कि वे विक्षिप्त हो गए हैं और संवैधानिक पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं। पलटूराम का भाषण पूरे दलित समाज का अपमान है। 

एक मित्र ने दूसरे मित्र को दी सलाह

मोदी ने एक मित्र के नाते सलाह दी कि अब नीतीश कुमार को अपने उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर आराम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने उम्र में अपने से दस साल बड़े मांझी के लिए जिन अपमानजनक शब्दों का प्रयोग आँखें तरेरते हुए किया, वैसा यदि वे सदन के बाहर करते, तो उन पर दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज होता। मोदी ने कहा कि यदि जीतन राम जी किसी दूसरे समुदाय के होते , तो नीतीश कुमार ऐसी गाली-गलौज वाली भाषा का इस्तेमाल करने की हिम्मत नहीं करते। उन्होंने कहा कि जदयू के लोग नीतीश कुमार के सड़क छाप बयानों का शर्मनाक बचाव करने के लिए बॉयलॉजी की पुस्तक से प्रजनन प्रक्रिया का पाठ पढाने पर उतर आये हैं। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने का सपना और गलत संगत में पड़ना नीतीश कुमार के मानसिक संतुलन पर बहुत भारी पड़ रहा है।

दो मंत्री थे चौकन्ने..फिर भी नीतीश ने पिटवा ली भद्द 

बिहार विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर आगबबूला हो गए. उन्होंने सदन में ही मांझी को बेइज्जत कर दिया. तू-तड़ाक कर दिया. उम्रदराज मांझी को भरी सदन में कहा कि तुमको हमने ही मुख्यमंत्री बनाया है. मेरी गलती की वजह से तुम मुख्यमंत्री बने हो. अब अपने आप को पूर्व मुख्यमंत्री कहते हो ? हालांकि दो दिन पूर्व की घटना को लेकर नीतीश कुमार के खासम खास मंत्री सचेत थे कि कहीं फिर से किसी विवाद में न फंस जाएं और माफी मांगनी पड़े. इसीलिए आरक्षण बिल पर बोलने के दौरान जेडीयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी और संजय झा सीएम नीतीश पर निगाह रखे थे. खैर...आरक्षण बिल पर बोलने के दौरान तो सब कुछ ठीक रहा. नीतीश कुमार रास्ते से नहीं भटके. लेकिन जैसे ही मांझी ने जातीय गणना पर सदन में सवाल खड़ा किया मुख्यमंत्री ने आपा खो दिया. 


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