PATNA: बिहार की सियासी गलियारे में पिछले तीन दिनों से हलचल तेज है। इन तीन दिनों में जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं उससे चर्चा स्वाभाविक है।तेजस्वी यादव ने मंगलवार को जिस तरीके से एनआरसी पर सदन में प्रस्ताव लाया।उसके बाद तेजस्वी अचानक मुख्यमंत्री से मिलने चले गए।फिर उस प्रस्ताव को सदन में चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया गया। आनन-फानन में एनआरसी बिहार में लागू नहीं होगा इसका प्रस्ताव भी पास करा लिया गया।बुधवार को भी नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात हुई। मंगलवार को तेजस्वी की पहल पर दोनों नेता मिले तो बुधवार को नीतीश ने इसकी पहल की। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर में दोनों नेताओं ने साथ-साथ बैठकर चाय भी पी थी।
बिहार में सिर्फ नीतीश-तेजस्वी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के इस कदम से एनडीए के भीतर बीजेपी जहां चारो खाने चित्त हो गई है।वहीं महागठबंधन में भी राजद के अलावे बाकी तमाम सहयोगियों की बोलती बंद हो गई है।तेजस्वी यादव ने एनआरसी को लेकर सदन से प्रस्ताव पास कराकर यह बताने में कामयाब रहे कि उन्होंने अल्पसंख्यकों की लड़ाई लड़ी।भले हीं कन्हैया कुमार,पप्पू यादव,जीतनराम मांझी,उपेन्द्र कुशवाहा सीएए-एनआरसी को लेकर आंदोलन चला रहे हों लेकिन एक झटके में हीं तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के बाकी दल के नेताओं से मुद्दा हीं छीन लिया।
कन्हैया कुमार ने पूरे बिहार में घुम-घुम कर एनआरसी-सीएए को लेकर यात्रा निकाली थी।कन्हैया की सभा में भारी भींड़ उमड़ रही थी।कन्हैया की जनसभा में उमड़ रही भींड़ से तेजस्वी परेशान थे। कन्हैया इसी मुद्दे को लेकर आज 27 फऱवरी को पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली कर रहे हैं।लेकिन सीएम नीतीश और तेजस्वी ने मिलकर दोनों गठबंधन के घटल दलों का तो शिकार कर हीं लिया।उसके अलावे कन्हैया,प्रशांत किशोर सरीखे नेताओं के अभियान की भी हवा निकाल दी।
नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात ने बीजेपी के संकल्प का किया खात्मा
तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार की इस मुलाकात का रिजल्ट जहां बीजेपी का संकल्प के खात्मे के साथ हुआ वही बिहार की राजनीति में यह स्थापित हो गया कि आज भी बिहार में नीतीश कुमार चेहरा हैं और विपक्ष की तरफ से राजद के तेजस्वी यादव हैं।बाकि दलों का बिहार की राजनीति में कोई खास अस्तित्व नहीं है।अगर वाकई में बिहार में बीजेपी में ताकत रहती तो फिर अपना संकल्प को यूं हीं खत्म होते नहीं देखती।बीजेपी के सत्ता में भागीदार होने के बाद भी नीतीश कुमार ने बीजेपी के संकल्प को हीं खत्म कर दिया और उसके नेता टुकुर-टुकुर देखते रह गए।
बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निकल गए तेजस्वी
बिहार विधानसभा से एनआरसी लागू नहीं करने का प्रस्ताव होने के बाद अब तेजस्वी आराम से बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर निकल गए हैं।वे आज विधानसभा की कार्यवाही में शिरकत करने की बजाए गया में बेरजोगारी हटाओ यात्रा के तहत जनसभा करेंगे।