PATNA : बिहार में विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने भ्रष्टचार के मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। कुछ दिनों पहले एसवीयू की टीम मामले की तफ्तीश करने मौके पर गई थी। अब तक की जांच में उन पर गया डीएम रहने के दौरान अवैध तरीके से लकड़ी कटवाने का आरोप लगा था। जिसको लेकर न सिर्फ उन्हें सस्पेंड किया गया, बल्कि एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) ने 18 मई को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
आसान नहीं होगा कार्रवाई करना
अभिषेक सिंह को उनके मूल कैडर वापस भेज दिया गया है। अब एसवीयू को उनसे पूछताछ के लिए उन्हें बुलाने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। उनके पैतृक कैडर त्रिपुरा सरकार से अनुमति लेनी होगी। साथ ही केंद्रीय कार्मिक विभाग से भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति लेनी होगी। अगर बिहार में ही उनके पदस्थापन के दौरान यह कार्रवाई होती है, तो इतनी मशक्कत नहीं होती। इस मामले में दोष साबित होने पर भी उन पर कार्रवाई करने के लिए त्रिपुरा और केंद्र सरकार दोनों से अनुमति लेनी होगी
बेच दिया था कटे पेड़ों को
अभिषेक सिंह पर आरोप है कि उन्होंने गया जिले के वन एवं कारागार विभाग में तैनात अज्ञात लोक सेवकों की मिलीभगत से कई महंगे पेड़ों को अवैध रूप से कटवाया। उन पेड़ों को बेचा गया और इस बिक्री से जो आय हुई उसका दुरुपयोग किया गया। इस तरह के काम से राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा। जिसमें गया जिले के वन एवं कारागार विभागों में पदस्थ अभिषेक सिंह और अन्य अज्ञात लोक सेवकों के आईपीसी की धारा 120(बी), 13(1) के तहत मामला दर्ज किया गया।
त्रिपुरा कैडर के 2006 बैच के अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह गया के डीएम रह चुके हैं और वर्तमान में बिहार राज्य योजना पर्षद के परामर्शी के रूप में तैनात थे. उन्हें उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया है. वे प्रतिनियुक्ति के आधार पर बिहार में अपनी सेवा दे रहे थेआरोपों के मुताबिक आर्म्स लाइसेंस के आवंटन से लेकर विभागीय मामले में अभिषेक कुमार ने अपने पद का जमकर दुरुपयोग किया था.