पटना : विपक्ष ने आगामी चुनाव को देखते हुए नियोजित शिक्षक मुद्दे को लपक लिया है. विधान परिषद की जैसी है कार्यवाही शुरू हुई .राजद के पार्षदों ने नियोजित शिक्षकों का मुद्दा उठाकर हंगामा करने शुरू कर दिया.
विधान पार्षद केदार पांडेय ने आरोप लगाते हुए कहा कि -13 साल में नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नहीं बन पाई सरकार. उन्होंने विधान परिषद में सवाल उठाया और कहा कि इतने साल बितने के बाद भी सरकार नियोजित शिक्षकों की जायज मांग पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है. सरकार जवाब दे कि आखिर कितने वक्त में सरकार नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त से संबंधित तमाम बिन्दूओं पर सार्थक कार्रवाई करेगी.
केदार पांडेय ने सदन में बताया कि सरकार ने महिलाओं के लिए 35 फीसदी आरक्षण तो दे रही है. लेकिन उन महिला शिक्षकों के ट्रांसफर का कोई प्रावधान नहीं किया है. लिहाजा पति से तलाक की नौबत आ रही है. नियोजित शिक्षक तमाम परेशानियों से घिरे हुए हैं लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. इस पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि सरकार सेवा शर्त बनाने को लेकर काम कर रही है. कई समस्याओं का हमने समाधान किया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि करीब 2 लाख शिक्षकों को यूटीआई पेंशन से आच्छादित किया गया है.वेतन विसंगति को दूर करने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. मंत्री के जवाब से सदस्य संतुष्ठ नहीं हो रहे थे और स्पष्ट जवाब की मांग कर रहे थे.
विवेकानंद की रिपोर्ट