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अब बारी BCA की....जेडीयू विधायक के साथ-साथ मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- अपने खास के बेटों को खेलाने का बनाया जाता है जबाव

अब बारी BCA की....जेडीयू विधायक के साथ-साथ मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- अपने खास के बेटों को खेलाने का बनाया जाता है जबाव

PATNA: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन(बीसीए) के अध्यक्ष राकेश तिवारी पर विधानसभा में उठाये गए सवाल के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है. अब बीसीए की तरफ से जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार और निबंधन मंत्री सुनील कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है. बीसीए की तरफ से जेडीयू विधायक और मंत्री के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी गई है.  

बीसीए के मुख्य प्रवक्ता तथा पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र एवं बीसीएल गवर्निग काउंसिल के चेयरमैन संजय कुमार सिंह ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर जवाब दिया। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में 10 नवंबर 2023 को बिहार विधान सभा के पटल पर परबत्ता विधान सभा के विधायक डा. संजीव कुमार ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के रणजी टॉफी टीम में गलत चयन, बाहरी खिलाड़ियों को मौका दिये जाने तथा पैसे के लेन-देन के आरोप को नकारते हुए निम्नलिखित तथ्यों को मीडिया के समक्ष रखा। विदित हो कि डा. संजीव कुमार ने बीसीए पर उपरोक्त आरोप लगते हुए विधान सभा के सदस्यों की समिति बनाकर जांच कराने का प्रस्ताव लाने का आग्रह विधान सभा में ध्यानकर्षण प्रस्ताव के जरिये किया था। संवाददाता सम्मेलन में लगाए गए आरोप पर बीसीए ने जहां स्थिति को स्पष्ट किया है. साथ ही मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, बिहार सरकार और परबत्ता  के  विधायक पर अनेको आरोप  लगाए हैं. 

1.  वर्तमान सत्र 2023-24 के रणजी ट्रॉफी हेतु टीम के गठन / चयन की प्रक्रिया जारी है और अभी तक इस संदर्भ में कोई भी चयनित खिलाड़ियों के लिस्ट का प्रकाशन / घोषणा नहीं हुई है। अत: बाहरी खिलाड़ियों से पैसे के लेन देन अथवा गलत चयन का आरोप मनगढ़ंत, बिलकुल निराधार एवं निहित स्वार्थ से प्रेरित है। उल्लेखनीय है कि अगर, माननीय डा. संजीव जी के आरोप पिछले सत्र के रणजी टीम से संबन्धित है, तो बताना चाहूँगा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की रणजी टीम पिछले सत्र के रणजी प्लेट ग्रुप की चैंपियन टीम रही है और उसी शानदार प्रदर्शन के आधार पर इस सत्र में बिहार कि टीम ईलीट ग्रुप में खेलने की पात्रता हासिल की है।

2.  यहाँ, यह भी स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि माननीय डा. संजीव कुमार खगड़िया जिला क्रिकेट एसोसिएशन से संबन्धित रहे हैं और दिनांक: 21 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में  खगड़िया जिला क्रिकेट एसोसिएशन के माननीय सदस्य/वोटर्स ने माननीय डा. संजीव कुमार के अवैध नामांकन, उनके द्वारा चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने, चुनाव प्रक्रिया में लगे पदाधिकारियों एवं वोटर्स पर वेवजह दवाब डालने के आरोप लगाए गए। चुनाव प्रक्रिया के लिए नियुक्त बीसीए के पर्यवेक्षक प्रकाश कुमार सिंह ने बीसीए को अपना रिपोर्ट भेजा और उक्त चुनाव को अवैधानिक मानते हुए निरस्त किए जाने तथा डा. संजीव कुमार के आपतिजनक व्यवहार को सही ठहराया। 

खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के चुनाव में मनमर्जी ढंग से अपने को पदस्थापित करने में असफल होने पर उन्होने लगातार बीसीए पर मीडिया के माध्यम से अनर्गल आरोप लगाने का कार्य किया तथा दवाब की राजनीति करते रहे। बीसीए की आम सभा ने उनके निरंतर आपत्तिजनक व्यवहार एवं संघ विरोधी गतिविधियों के कारण छ्ह वर्षों के लिए निष्काशित कर दिया है। यह भी स्पष्ट करना उचित है कि डा. संजीव कुमार बीसीए के विरुद्ध निबंधन विभाग, पटना के जिलाधिकारी सहित विभिन्न सक्षम प्राधिकार में लगातार आवेदन / आरोप दर्ज कराते रहें हैं और जांच को अपने स्तर से प्रभावित करने का भी प्रयास किए हैं, लेकिन करीब 4 जांच समितियों के समक्ष बीसीए ने गत दो वर्षों में अपनी स्पष्टीकरण दिया है और आज तक किसी माननीय न्यायालय, उच्चस्तरीय  जांच समिति अथवा प्राधिकार ने बीसीए के विरुद्ध कुछ गलत नहीं पाया। 

इस संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से डा. संजीव कुमार से पूछना चाहता हूँ, कि क्या जब तक वो बीसीए से सम्बद्ध खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे, तब तक बीसीए सही था, और जब से इनको खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के क्लबों के पदाधिकारियों के द्वारा इनको निकाल बाहर किया गया हैं तब से बीसीए में इनको अनेक कमियाँ दिखने लगी है। 

3.  बताना चाहता हूँ कि बीसीए सहित बीसीसीआई से संबंद्ध सभी राज्य क्रिकेट संघ,  माननीय सर्वोच्य  न्यायालय के द्वारा आदेशित संविधान के अनुरूप संचालित होती है, तथा निहित स्वार्थ वाले तत्वों के दवाब में आए बिना कार्य संपादित करती है। जिसकी वजह से बिना सबूत के आरोप तथा अनर्गल प्रलापों को लगातार झेलना पड़ता है। 

4.  बीसीए ने कहा कि मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग सुनील कुमार पूर्व में भी बदनाम रहे हैं .इनके द्वारा अपने पद पर रहते, संपत्ति अर्जित की गई है, जिसका देखभाल अभय सिन्हा और संजय सिन्हा किया करते हैं, संजय सिन्हा के पुत्र अपूर्वा आनंद को बिहार टीम में जबरन खेलाने के लिए ये लगातार दवाब बनाते रहते हैंI विधायक राजकुमार सिंह अपने पुत्र विक्रांत सिंह को टीम में खेलाने के लिए दवाब बनाते हैं, और इसके अलावा भी कई ऐसे माननीय हैं, जिनका दवाब बीसीए में चयन के लिए आता रहता है, अगर सभी नामों को सार्वजनिक कर दिया जाय तो कई लोगों के चेहरे का नकाब उतार जाएगा। 

5. हाल में भी पटना के जिलाधिकारी महोदय के द्वारा दो जांच कमेटी का गठन कर जांच की गई है। इनके द्वारा बीसीसीआई में भी शिकायत की गई थी, वहाँ से भी संयुक्त सचिव श्री देवजीत सैकिया, के नेतृत्व में लीगल और फाइनेंश हेड के साथ जांच कमेटी पटना आकर बीसीए की सभी पहलुओं पर जांच की और बीसीए के सभी कार्यकलापों को नियमानुकुल सही पाया। इससे संबन्धित सभी साक्ष्य पटना जिलाधिकारी के आदेश से गठित कमेटी को भी बीसीए के द्वारा हस्तगत कराया जा चुका है। 

अंत मे यह स्पष्ट करना भी आवश्यक है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेशित संविधान,बीसीसीआई के दिशा-निर्देश तथा केंद्र एवं बिहार सरकार के नियम-क़ानूनों का अक्षरशः अनुपालन करती हैI हम बिना जाति-धर्म, नस्ल-रंग,अमीर-गरीब,लिंग भेद अथवा किसी भी राजनीतिक दल से प्रभावित हुये बिना कार्यों को संपादित कराते हैंI बेबुनियाद आरोप तथा संस्था एवं संस्था के पदाधिकारियों की मान-हानि  करने वाले ऐसे तत्वों के विरुद्ध बीसीए  विधि सम्मत कारवाई करेगी I माननीय विधायक महोदय ने कल मीडिया मे कुछ आईएएस पदाधिकारी एवं मानीय न्यायाधीशों के विरुद्ध भी अनर्गल प्रलाप किया है जो उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल तथा निहायत आपत्तिजनक है I 

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