NAWADA : नवादा जिलेभर में कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को नगर समेत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में नदियों, तालाबों व कुओं पर स्नानार्थियों की भीड़ लगी रही। मौके पर मंदिरों में लोगों ने पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। इसके साथ ही एक माह तक चलने वाले कार्तिक स्नान का समापन हुआ तो महिलाओं ने दीप दान किया। तथा एक माह तक जलाये गये मिंट्टी के दीयों को नदियों में प्रवाहित किया। पूर्णिमा को ले जिले के हजारों पुरुष-महिलाओं का जत्था गंगा स्नान के लिये बाढ़, पटना, इलाहाबाद आदि स्थानों के लिये रवाना हुआ है।
तिलैया, ढाढर, खुरी, धनार्जय, पंचाने नदियों में स्नान को ले पुरुष -महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू हुई। लोगों ने स्नान कर हवन व दान-पुण्य किया तो महिलाओं ने मिंट्टी के दीपों को प्रवाहित कर दीप दान किया।
कार्तिक पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का है विशेष धार्मिक महत्व: सनातन धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व हैं. इसमें कार्तिक महीने की पूर्णिमा को सर्वोत्तम माना गया हैं. इसे त्रिपुरी पूर्णिमा व गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता हैं. इसी दिन भगवान शंकर ने अत्याचारी व महाभयानक त्रिपुरासुर का अंत करके लोगों को त्राण दिलाया. इस लिये शिव त्रिपुरारी कहलाये और यह पूर्णिमा त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से विख्यात हुई. इस दिन गंगा स्नान करने से वर्ष भर पुण्य फल की प्राप्ति होती हैं. इसी दिन भगवान विष्णु ने वेदों की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था. श्रद्धालु स्त्रियां महीने भर सुबह में स्नान करके पूजा-अर्चना करती हैं. संध्या समय आंगन में लगे तुलसी पौधे के पास घी के दीये जला कर परिवार और समाज की मंगल कामना करती हैं. कार्तिक पूर्णिमा को महीने भर किये गये तपस्या का समापन करके नदियों में दीप जला कर प्रवाहित करती हैं।