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‘बेइज्जत होकर खामोश हो जाना कोई मुसलमानों से सीखे’, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा- देश का नाम खराब नहीं होने देगा मुसलमान

‘बेइज्जत होकर खामोश हो जाना कोई मुसलमानों से सीखे’, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा- देश का नाम खराब नहीं होने देगा मुसलमान

DESK. मंदिर-मस्जिद के विवाद और देश के कई क्षेत्रों में आए दिन होने वाले साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा है कि भारत का मुसलमान देश का नाम खराब होने नही देगा. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद असद मदनी देवबंद में आयोजित जलसे में कहा कि बेइज्जत होकर खामोश हो जाना कोई मुसलमानों से सीखे. हम तकलीफ बर्दाश्त कर लेंगे लेकिन देश का नाम खराब नहीं होने देंगे. अगर जमीयत उलेमा शांति को बढ़ावा देने और दर्द, नफरत सहन करने का फैसला करते हैं तो ये हमारी कमजोरी नहीं, ताकत है. 

उत्तर प्रदेश के देवबंद में शनिवार उलेमा-ए-हिंद के दो दिवसीय जलसे में उन्होंने भारत के मौजूदा हालत पर कहा कि देश में कई ऐसे वाकये हुए हैं जिसमें मुसलमान निशाना बने हैं. मदनी ने कहा कि हमें हमारे ही देश में अजनबी बना दिया गया है. महमूद असद मदनी ने अखंड भारत की बात पर भी निशाना साधा. कहा कि किस अखंड भारत की बात करते हैं? मुसलमानों के लिए आज राह चलना मुश्किल कर दिया है. ये सब्र का इम्तेहान है.

कॉन्फ्रेंस में देश भर से अलग-अलग संगठनों के लगभग 5000 प्रतिनिधि पहुंचे हैं. कॉन्फ्रेंस में पहले दिन इस्लामोफोबिया के खिलाफ लामबंद होने पर सहमति बनी. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने सरकार को घेरा. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सकारात्मक संदेश देने के लिए धर्म संसद की तर्ज पर 1000 सद्भावना संसद के आयोजन का ऐलान किया.

इस्लामोफोबिया को लेकर प्रस्ताव पेश किया गया. प्रस्ताव में इस्लामोफोबिया और मुस्लिमों के खिलाफ उकसावे की बढ़ती घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस्लामोफोबिया सिर्फ धर्म के नाम पर शत्रुता नहीं, इस्लाम के खिलाफ भय और नफरत को दिल और दिमाग पर हावी करने की मुहिम है. यह मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ एक प्रयास है. इसके कारण आज देश को धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक अतिवाद का सामना करना पड़ रहा है. धर्मगुरुओं ने कहा कि 2017 में प्रकाशित लॉ कमीशन की 267 वीं रिपोर्ट में हिंसा के लिए उकसाने वालों के लिए कानून बनाया जाये. इस कानून में सजा दिलाने के प्रावधान की मांग की गयी. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लॉ कमीशन की इस सिफारिश पर तुरंत कदम उठाने को जरूरी बताया है.


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