बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सिर्फ दस हजार बिहारियों को मिली शिक्षक भर्ती में नौकरी, भाजपा एमएलसी ने कहा – यह देश का सबसे बड़ा नौकरी घोटाला

 सिर्फ दस हजार बिहारियों को मिली शिक्षक भर्ती में नौकरी, भाजपा एमएलसी ने कहा – यह देश का सबसे बड़ा नौकरी घोटाला

PATNA : बिहार में हुए शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद अब इस पर सियासत गरमा गई है। जीतन राम मांझी, चिराग पासवान के बाद अब गया स्नातक क्षेत्र से एमएलसी जीवन कुमार ने भी शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम को लेकर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने बिहार सरकार के इस परीक्षा परिणाम को भारत के इतिहास का सबसे बड़ा नौकरी घोटाला करार दिया है। जिसमें उन्होंने सीधे-सीधे बिहार सरकार और बीपीएससी को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

NEWS4NATION  के साथ बातचीत में भाजपा एमएलसी ने परीक्षा परिणामों को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि उनका विरोध जायज है। जिस तरह से परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी सामने आ रही है, वह सरकार की मंशा पर सवाल खड़ी कर रही है। सरकार इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बता रही है। लेकिन असलियत में यह सबसे बड़ा नौकरी घोटाला है। जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान बिहार के युवाओं को उठाना पड़ा है। 

सिर्फ दस हजार बिहारियों को मौका

जीवन कुमार ने जारी हुए 1.22 लाख परीक्षा परिणामों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षक भर्ती में बिहार के युवाओं को मौका मिलना था। लेकिन, नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री बनने की लालसा ने बिहारी युवाओं के साथ धोखा किया। परीक्षा भर्ती में डोमिसाइल नीति को खत्म कर दिया गया। जिसके कारण बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों के लोगों ने आवेदन किया। अब जो रिजल्ट आया है तो यहां भी सरकार ने इस बात का ख्याल रखा कि बाहरी राज्यों को अधिका मौका मिला। जीवन कुमार ने दावा किया जिस 1.22 लाख नियुक्तियों को सरकार ऐतिहासिक बता रही है, उसमें 80 फीसदी से ज्यादा सीटों पर दूसरे राज्यों को मौका दिया गया है। सिर्फ दस हजार के करीब बिहार के युवाओं को मौका दिया गया है।

बीपीएससी पर उठाए सवाल

बता दें कि बीपीएससी ने एक दिन पहले ही यह जानकारी दी थी कि जारी हुए रिजल्ट में 88 फीसदी बिहारी और सिर्फ 12 फीसदी बाहरी लोगों को मौका मिला है। उन्होंने बताया कि इसमें कई ऐसे नाम हैं, जो दो बार मौका मिला है। ऐसे में बीपीएससी के इस दावे पर सवाल उठाते हुए जीवन कुमार ने चुनौती दी है कि सरकार बिहार के सफल अभ्यर्थियों की अलग से लिस्ट प्रकाशित करे, तो असलियत सामने आ जाएगी। 

नियुक्तियों को लेकर भी बड़ा घोटाला

भाजपा एमएलसी ने शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर भी सवार उठाए हैं। उनका कहना है कि जारी रिजल्ट में कई अभ्यर्थी पहले से ही शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। अब इन शिक्षकों को उनके घर से दूर दूसरे जिले में नियुक्त किया जा रहा है। इनमें से कई बहू बेटियां हैं, जो अपने घर के पास के स्कूल में कार्यरत हैं। जाहिर है कि ऐसे अभ्यर्थियों को या तो दूसरी जगह जाना पड़ेगा या अपनी पुरानी पोस्टिंग पर रहने के लिए जुगाड़ लगाना पड़ेगा। जिसमें बड़े स्तर पर पैसे के लिए बोली लगेगी। इसका दूसरा नुकसान यह है कि अगर दूसरी जगह शिक्षक जाते हैं तो पहले वाले स्कूल में जगह रिक्त हो जाएगी, जिसके बाद फिर से वही स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।

बता दें कि जीतन राम मांझी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा परिणाम की तुलना रेलवे के लैंड फॉर जॉब स्कैम से की थी। वहीं चिराग पासवान ने भी सरकार पर पिछले दरवाजे से कई नियुक्तियों के होने के दावे किए थे।

Suggested News