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औरंगाबाद में एक्सपायर ग्लूकोज चढ़ाने से मरीज की हुई मौत, परिजनों ने जमकर काटा बवाल...

औरंगाबाद में एक्सपायर ग्लूकोज चढ़ाने से मरीज की हुई मौत, परिजनों ने जमकर काटा बवाल...

AURANGABAD: औरंगाबाद का मॉडल सरकारी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। जहां अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई है। जानकारी अनुसार मेल वार्ड में भर्ती मरीज 75 वर्षीय शिवकिंकर प्रसाद सिंह को एक्सपाइरी ग्लूकोज की बोतल चढ़ा दिया गया। जिससे मरीज की मौत हो गई। मृतक देव थाना के देव का निवासी था। सदर अस्पताल में लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। अक्सर ऐसे लापरवाही अस्पताल से सामने आते रहे हैं। चाहे नवजात शिशु की मौत का हो या एंबुलेंस नहीं मिलने का, या फर्श पर मरीज का इलाज, इस बार तो हद ही हो गई मेल वार्ड में भर्ती मरीज को एक्सपायरी ग्लूकोज सितंबर 2023 की बोतल ही चढ़ा दी गई। परिजनों ने वार्ड में ड्यूटी नर्सो पर लापरवाही का आरोप लगाया हैं।

दरअसल, मरीज शिवकिंकर प्रसाद सिंह को लूज मोशन की शिकायत थी। जिसे परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज करवाने आए मरीज को ग्लूकोज की एक्सपायरी डेट वाली बोलत चढ़ा दी गयी, लगभग 70 प्रतिशत ग्लूकोज मरीज को चढ़ा दी गयी जब मरीज के परिजनों ने देखा कि बोतल से ग्लूकोज़ रुक-रुक कर जा रहा है। तब उनकी नज़र बोटल के एक्सपायरी डेट पर पड़ी जो सितंबर 2023 में एक्सपायर हो चुका था। वहीं परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

वहीं अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि मरीज गैस पी में आया था और नर्स के द्वारा बिना देखे एक्सपायरी डेट वाली पानी चढ़ा दी गई। जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पानी की एक्सपायरी तिथि 30 सितंबर 2023 थी और आज उसे चढ़ाया गया था हालांकि चिकित्सक के अनुसार इस पानी से मरीज के स्वास्थ्य पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा होगा लेकिन लापरवाही बढ़ती गई है इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। मामले को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया और भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अनिल कुमार सिंह ने कहा कि अंधेर नगरी चौपट राजा का एक और उदाहरण है। जब राजद का पहला 15 साल का शासन काल था। उस समय अस्पताल में कुत्ते सोते थे। यह सुनी हुई बात नहीं आंखों से देखा मैं बोल रहा हूं। वैसे उसके बाद अस्पताल में थोड़ा बहुत जरूर सुधार हुआ था। यह जो एक्सपायरी पानी अभी शुरुआत है। इसके बाद सरकारी अस्पताल में लोग जाना छोड़ देंगे।

डॉक्टर का जो अपहरण काल था। उसके बाद अब रात में क्लीनिक जो बंद होने का पद्धति बिहार में चालू हुआ वापस अभी तक नहीं शुरू हुआ है। रात में कोई क्लिनिक नहीं खुला रहता है।यहां के लोगों को, बिहार के लोगों को राजद के शासन काल में एकदम सीरिया और पूर्व के अफगानिस्तान सा हालत होने वाला है। यह राक्षसी राज्य है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए पर वह निर्लज है कभी इस्तीफा नहीं देंगे। बिहारवासी बेवसी की मौत मरने को मजबूर है। इसका यह ज्वलंत उदाहरण है। वहीं इस बारे में जब सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने अभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि आपसे ही यह जानकारी मिल रही है। एक्सपायरी सलाइन चढ़ाने की बात जब उनसे पूछा गया तो तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ऐसा संभव नहीं है लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में यह बात आप मुझे बता रहे हैं तो मैं इसकी जांच करवा रहा हूं। जो भी दोषी इसमें होंगे उन पर निश्चित ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

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