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संवासिनों के मौत मामले में NGO की मुख्य संचालिका हिरासत में, कई सफेदपोशों पर पुलिस की ढेढ़ी नजर

संवासिनों के मौत मामले में NGO की मुख्य संचालिका हिरासत में, कई सफेदपोशों पर पुलिस की ढेढ़ी नजर

PATNA :  पटना के नेपाली नगर मुहल्ले में स्थित ‘आसरा होम’ में दो युवतियों की संदिग्ध मौत मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। रविवार, 12 अगस्त को आसरा होम के कई कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी। एनजीओ के एक बड़े अधिकारी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि लेखा निदेशक को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। लेखा निदेशक मनीषा दयाल से पूछताछ में पुलिस को कई सनसनीखेज बातों का पता चला है। जल्द ही इस मामले में अहम खुलासा हो सकता है।

लेखा निदेशक से पूछताछ

बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद कई अन्य अल्पावास गृहों से भी गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इसी बीच जांच के दौरान पटना के आसरा होम की दो संवासिनों (लड़कियों) की मौत से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में घटना की जांच के लिए डीएम कुमार रवि और एसएसपी मनु महाराज मौके पर पहुंच गये। आसरा होम में काम करनेवालों से पूछताछ की जा रही है। एक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो लेखा निदेशक के पद पर काम करती है। 

साथ ही एक अन्य महिला बेबी कुमारी से भी पूछताछ चल रही है, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि उसने ही दोनों बीमार संवासिनों को पीएमसीएच में एडमिट कराया था। पुलिस को पीएमसीएच के भर्ती रजिस्टर से महिला का नाम मिला। पीएमसीएच प्रशासन के अनुसार, बेबी कुमारी दोनों बीमार संवासिनों को अस्पताल लेकर आयी थी। भर्ती रशीद पर इसी का नाम है। 


मौत मामले में बड़ा खुलासा

इन दोनों संवासिनों के मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पीएमसीएच प्रशासन का कहना है कि अस्पताल लाने से पहले ही दोनों युवतियों की मौत हो चुकी थी। अस्पताल प्रशासन के इस दावे के बाद माना जा रहा है कि दोनों युवतियों की मौत शेल्टर होम में हो चुकी थी। मामले को दबाने के लिए उन्हें पीएमसीएच में भर्ती करा दिया गया। फिलहाल दोनों युवतियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई है। 

75 लड़कियां रहती हैं आसरा होम में

बता दें कि आसरा होम का संचालन एक एनजीओ करता है, जो बिहार के समाज कल्याण विभाग के अधीन आता है। बता दें कि राजीव नगर थाना के नेपाली नगर मुहल्ले में स्थित इस आसरा गृह में 75 संवासिनों को रखा गया है। इनमें 12 को छोड़ सभी मानसिक रूप से विक्षिप्त संवासिनें हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर स्वस्थ लड़कियों को यहां क्यों रखा गया है ? 

इस आसरा गृह से ही दो दिन पहले चार लड़कियों ने ग्रिल काटकर भागने का प्रयास किया था लेकिन वो सब भागने में कामयाब नहीं हो पायी थीं और पकड़ी गयी थीं। इस आसरा गृह को इसी साल यानी 2018 के 1 मई को खोला गया था। इसके मुख्य संचालनकर्ता का नाम मनीषा दयाल है। वह लेखा निदेशक के पद पर काम करती हैं। आसरा होम में कई जिलों से लाकर लड़कियों को रखा गया है। 


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