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पटनावासियों की सांस पर संकट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास दिवाली की रात का आंकड़ा तक नहीं

पटनावासियों की सांस पर संकट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास दिवाली की रात का आंकड़ा तक नहीं

PATNA :  दुनिया के छठे सबसे प्रदूषित शहर पटना में दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर क्या रहा, इसकी जानकारी बिहार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नहीं है। पटाखा फोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया गया। रात में 8 बजे से 10 बजे पटाखा फोड़ने का समय तय था। लेकिन शाम से से देर रात तक पटाखों की आवाज गूंजती रही।  गुरुवार को जब पटना के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दफ्तर में फोन कर दीपावली के बाद अद्यतन जानकारी लेने की कोशिश की गयी तो जवाब नहीं मिला।

लापरवाह है बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

न्यूज4नेशन ने गुरुवार को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में फोन नम्बर 2261776 पर कॉल किया। फोन उठाने वाले सज्जन से बुधवार की रात यानी दिवाली की रात प्रदूषण के स्तर की जानकारी मांगी गयी। उन्होंने जवाब के बदले एक  फोन नम्बर 2261250 दिया। उन्होंने बताया कि यह नम्बर डॉ. अरुण कुमार का है। वे ही इस बात की जानकारी दे सकते हैं। फिर 2261250 नम्बर पर फोन किया गया । एक महिला ने कॉल रिसीव किया। उन्होंने बताया कि सर अभी नहीं हैं, 3 बजे के बाद फोन कीजिए। जब उनसे कहा गया कि आप पीआरओ से बात कराएं तो उन्होंने कहा कि वे छुट्टी पर हैं। चेयरमैन साहब भी अभी नहीं हैं। डॉ. अशोक कुमार घोष बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन हैं। इस दफ्तर में कई वैज्ञानिक भी तैनात हैं। इसके बाद भी दिवाली की रात के प्रदूषण के स्तर को रिकॉर्ड नहीं किया गया। पटना के लोगों की जान जोखिम में है लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसकी परवाह नहीं।

पटना की आबोहवा में जहर !

पटना में पीएम 2.5 का स्तर 149 है। पार्टिकुलेट मैटर 2.5 एक खतरनाक कण है जो हवा के जरिये फेफड़े में प्रवेश कर जाता है। एक क्यूबिक मीटर हवा में पीएम 2.5 कणों के स्तर को जान कर वायु प्रदूषण का आकलन किया जाता है। एयर क्वलिटी इनडेक्स से भी प्रदूषण का स्तर मापा जाता है। पटना का AQR 381 है तो दिल्ली का 359 । पटना में अक्टूबर से मार्च तक प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक हो जाती है। पिछले साल डिप्टी सीएम सुशील कुमारो मोदी ने एक्शन प्लान बनाने की बात कही थी। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

दिल्ली की तरह पटना में हो उपाय

भारत में पहले दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर माना जाता था लेकिन अब ग्वालियर का स्थान पहला हो गया है।अब दिल्ली भारत का पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है। वहां प्रदूषण की रोकथाम के लिए हाल ही में बहुत उपाय किये हैं। पटना में भी अब प्रदूषण की स्थिति भयावह हो गयी है लेकिन उससे निबटने के लिए दिल्ली जैसी तत्परता दिखायी नहीं पड़ रही है। नियंत्रण बोर्ड तो इस कदर लापरवाह है कि उसके पास पोल्यूशन का आंकड़ा ही उपलब्ध नहीं है।

पटना से नीरज कुमार की रिपोर्ट

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