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नवादा सदर अस्पताल के लचर व्यवस्था की खुली पोल, एक ही बेड पर हुआ 2 मरीजों का इलाज, तीसरे को नहीं मिला बिस्तर

नवादा सदर अस्पताल के लचर व्यवस्था की खुली पोल, एक ही बेड पर हुआ 2 मरीजों का इलाज, तीसरे को नहीं मिला बिस्तर

NAWADA : बिहार के नवादा का सदर अस्पताल इन दिनों कुव्यवस्था को लेकर सुर्खियों में है। आलम यह है कि अब मरीज को बेड भी नसीब नहीं हो रहा है। पूरा मामला गुरुवार का है। जहां नवादा के सदर अस्पताल में एक ही बेड पर दो मरीज का इलाज किया जा रहा है। वहीं तीसरे मरीज को बिना गद्दा व चादर का ही लोहे की बेड पर सुला दिया गया है। आलम तो यह है कि यह रूम भी महिला स्वास्थ्यकर्मी के कपड़ा बदलने का रूम है। उसी में मरीज का इलाज किया जा रहा है। 


घायल मरीज के परिजन ने कहा कि सड़क दुर्घटना में अकबरपुर के पास तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसे चिंताजनक हालत में नवादा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन आलम यह है कि यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण मरीज को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि दरियापुर के रहने वाले बृजेश कुमार, जीतू कुमार और देवरा गांव के रहने वाले सिकंदर राजवंशी को नवादा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के नाम पर खानापूर्ति करते हुए सीधा एक ही बेड पर दो मरीज को सुलाकर इलाज की जा रही है। 

घायल के परिजन अनुज राजवंशी ने कहा कि इन लचर व्यवस्था कार हम घोर निंदा करते हैं। ऐसे व्यवस्था का सभी लोगों को विरोध करना चाहिए। एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री रात में जाकर पूरे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात करते हैं। लेकिन नवादा की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यहां पर कोई भी किसी का सुनने वाला नहीं हैं। आपको बता दें कि मिशन 60 के तहत 60 दिन में अस्पताल को दुरुस्त करना था। लेकिन नवादा की अस्पताल इन 60 दिनों के अलावा 2 महीना के ऊपर बीत गया और व्यवस्था पूरी तरह लचर व्यवस्था के रूप में साबित हो गया है। आने वाले मरीज के लिए गुरुवार को देर भी इलाज नसीब नहीं हो रहा है। मरीजों की लंबी लंबी कतार लगी है। डॉक्टर करे तो क्या करें। वह लोगों की बात सुन सुनकर भी इलाज कर रहे हैं। 

पूरे मामले पर नवादा के सिविल सर्जन रामकुमार प्रसाद ने चुप्पी साध रखा है। फोन भी नहीं उठाते हैं। आपको बता दें कि नए सिविल सर्जन की 4 मार्च को नवादा के सदर अस्पताल में पोस्टिंग हुई है। लेकिन सिविल सर्जन की रुतबा तो ऐसी है कि वह अधिकारी की फोन आने पर अधिकारी को भी खरी-खोटी सुना देते हैं। आपको बता दें कि एक हफ्ता पहले पकरीबरामा में सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हुई थी। वही 7 लोग घायल हुए थे। जिसके बाद जिला के एक अधिकारी ने जब सिविल सर्जन को फोन किया तो सिविल सर्जन ने मरीज को तो आकर देखा। लेकिन उसी दौरान मरीज के सामने ही अधिकारी के बारे में जमकर खरी-खोटी भी सुनाई थी। कहा था कि क्या मैं मरीज के पास ही बेड लगा कर बैठ जाऊं। 

नवादा से अमन सिन्हा की रिपोर्ट  

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