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भाजपा के अवधेश नारायण सिंह की प्रस्तावक बनी राबड़ी देवी, बिहार विधान परिषद सत्र शुरू होने से पहले राजद ने क्यों दिया बीजेपी का साथ, जानिए

भाजपा के अवधेश नारायण सिंह की प्रस्तावक बनी राबड़ी देवी, बिहार विधान परिषद सत्र शुरू होने से पहले राजद ने क्यों दिया बीजेपी  का साथ, जानिए

पटना. बिहार विधान मंडल मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. आम तौर पर भाजपा पर हमलावर रहने वाले राजद ने सत्र शुरू होने के पहले सबको चौंका दिया. विधान परिषद के सभापति पद के लिए अवधेश नारायण सिंह ने नामांकन किया तो उनके प्रस्तावक के रूप में राजद की राबड़ी देवी भी रही. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रही राबड़ी देवी से जब पूछा गया कि उन्होंने भाजपा के अवधेश नारायण को क्यों समर्थन किया तो इस पर राबड़ी ने खास बात कही. उन्होंने कहा कि अवधेश नारायण सिंह सर्वसम्मति से सभापति बनाए जा रहे हैं. इसलिए उन्होंने प्रस्तावक के रूप में अवधेश सिंह का समर्थन किया है.

इसके पहले अवधेश नारायण सिंह ने सोमवार को बिहार विधान परिषद के सभापति के लिए नामांकन किया. वे अभी तक सदन के कार्यकारी सभापति पद पर थे. करीब एक महीने पहले ही उन्हें कार्यकारी सभापति बनाया गया था और अब सभापति के रूप में अवधेश नारायण सिंह ने नामांकन किया है. उनके नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण मंत्री अशोक चौधरी सहित कई नेता मौजूद रहे. सीएम नीतीश ने अवधेश नारायण सिंह को पुष्प गुच्छ देकर अभिनंदन किया. 

दरअसल, बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. पांच दिवसीय इस सत्र में विधान परिषद के 207वें सत्र का भी आयोजन होगा. सत्र शुरू होने के पहले अवधेश नारायण सिंह को बड़ी जिम्मेदारी मिली है और वे सभापति के रूप में अब दायित्व संभालते नजर आएंगे. 

दो दिन पहले ही बिहार विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें सभी दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में 207वें सत्र के सुगम एवं सफल संचालन पर चर्चा की गई। कार्यकारी सभापति ने सभी दलों के नेताओं से आगामी सत्र के कुशल, सफल एवं शांतिपूर्ण संचालन हेतु सार्थक सहयोग देने की बात कही। साथ हीं उन्होंने कहा की उच्च सदन की अपनी एक गरिमा होती है, जिसका सम्मान सभी सदस्यों को करनी चाहिए। आसन का हमेशा यह प्रयास होता है कि सदन निष्पक्ष रूप से नियम एवं संसदीय प्रक्रियाओं से संचालित हो।

वंदना की रिपोर्ट

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