कटिहार पहुंची रालोजद की जांच टीम, किए कई खुलासे, पुलिस प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप
PATNA: राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) का मानना है कि बारसोई पुलिस और प्रशासन गोली कांड का सच छुपाने के लिए डर और दहशत का माहौल बना रहा है|दरअसल, बीते दिनों कटिहार में बिजली के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के उग्र होने पर पुलिस ने फायरिंग की थी। इस घटना में तीन लोगों घायल हो गए जिनमें से दो की मौत हो गई। वहीं एक की इलाज जारी है। वहीं पुलिस का कहना था कि लोगों की मौत पुलिस की गोली से नहीं बल्कि अज्ञात की गोली से हुई है। इस मामले में रालोजद की ओर से जांच दल कटिहार जांच करने पहुंचे।
बता दें कि, टीम का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने बताया कि पुलिस और प्रशासन अपनी नाकामी और बर्बरता को छुपाने के लिए झूठ और पाखंड का सहारा लेकर नई कहानी गढ़ रहा है और लोगों को चुप रहने को कहा जा रहा है। रालोजद का चार सदस्यीय जांच दल मंगलवार को बारसोई गया था। जांच दल में प्रदेश उपाध्यक्ष अंगद कुशवाहा, प्रदेश महासचिव चन्दन बागची और छात्र रालोजद के प्रदेश अध्यक्ष साद हुसैन शामिल थे। जांच दल विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेद्र कुशवाहा को सौंपेगा।
मल्लिक ने बताया कि जांच दल पीड़ित परिजनों, स्थानीय नागरिकों जिनमें वकील, चिकित्सक और पत्रकार शामिल थे से मुलाकात की और घटना स्थल का दौरा किया। तथ्यों को देखने और लोगों से बातचीत के बाद दल ने पाया कि पुलिस ने लोकतांत्रिक ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से गोली चलाई। बिजली की आपूर्ति ठीक से न होने के कारण मुखिया संघ का धरना- प्रदर्शन प्रस्तावित था और प्रशासन से इसकी अनुमति भी ली गई थी लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा को तवज्जो नहीं दी और बाद में भीड़ अनियंत्रित हुई तो पुलिस ने गोली चला दी। पुलिस ने गोली चलाने से पहले किसी तरह की चेतावनी नहीं दी और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज या आंसू गैस के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया और सीधे गोली चला दी जिससे सोनू साह और मोहम्मद खुर्शीद की मौत हो गई और मोहम्मद नेयाज घायल हुए। नेयाज की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका ईलाज सिलीगुड़ी में चल रहा है।
मल्लिक ने बताया कि जांच दल को बताया गया कि इस गोली कांड में एसडीओ और डीएसपी की बड़ी भूमिका है और इनके गुनाह को छुपाने के लिए प्रशासन मनगढंत कहानी पेश कर रहा है। जिस सीसीटीवी फुटेज का जिक्र कटिहार के डीएम और एसपी कर रहे हैं उसे ठीक से देखने पर पता चलता है कि पुलिस की थ्योरी में कई झोल हैं और दोनों अधिकारी दोषियों को बचाने में जुटे हैं। बारसोई गोलीकांड नीतीश सरकार और उनके प्रशासन की नाकामी और निकम्मेपन का नतीजा है।
जांच दल मृतकों के परिजनों से मिल कर संवेदना जताई और राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेद्र कुशवाहा का संदेश उन्हें दिया और कहा कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए रालोजद उनके साथ खड़ा है। मृतक के परिजनों ने कहा कि उन्हें पुलिस जांच पर भरोसा नहीं है और वे सीबीआई से जांच की मांग चाहते हैं। रालोजद उनकी मांग से सहमत है और सरकार से इस घटना की जांच सीबीआई से कराने की मांग तो करता ही है, गोली कांड के लिए जिम्मेदार एसडीओ और डीएसपी को फ़ौरन निलंबित करने की मांग भी करता है। साथ ही साथ सरकार से मृतक के परिजनों को 20-20 लाख रूपये और घायल के परिजनों को दस लाख रूपये मुआवजा देने की मांग करती है।