PATNA : बिहार में खेलों और स्टेडियम की बदहाली जगजाहिर है। इसी बदहाली के कारण यहां कोई बड़ा खेल आयोजन नहीं किया जाता है। बिहार के सबसे पुराने और प्रमुख मोइनुलहक स्टेडियम भी इनमें शामिल है। जिसकी खराब स्थिति के कारण इस बार घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी टूर्नामेंट मानी जानेवाली रणजी ट्रॉफी के मैच पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। पटना में होने वाले मैच के रद्द होने की संभावना थी। लेकिन बिहार से रणजी ट्रॉफी की मेजबानी छिनने का संकट टल गया। अब पटना में ही रणजी ट्रॉफी के मैच खेले जाएंगे।
ऊर्जा स्टेडियम में होगा आयोजन
मोइनुलहक स्टेडियम की मौजूदा स्थिति को रणजी के मानक के अनुकूल नहीं पाए जाने के कारण मैच का वेन्यू बदल गया है। अब ऊर्जा स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी के मुकाबले होंगे। 13 दिसंबर से रणजी ट्राफी के मैच में बिहार का मुकाबला अरूणाचल प्रदेश से होगा।
मोइनुलहक को मैच के लिए नहीं पाया सही
मोइनुलहक स्टेडियम में रणजी मैच के अनुकूल तैयारी कई दिनों से चल रही थी, लेकिन बीसीसीआई मोइनुलहक स्टेडियम की स्थिति से संतुष्ट नहीं था। ऐसे में बिहार से रणजी की मेजबानी छिनने का संकट उत्पन्न हो गया था। आखिरकार बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के आग्रह पर बीसीसीआई ने मेजबानी रद्द करने के बजाए मैच का वेन्यू बदल दिया है। इस तरह 13 दिसंबर से होने वाला मैच अब मोइनुलहक के बदले ऊर्जा स्टेडियम में होगा।
पटना में होना है दो मैच का आयोजन
मोइनुलहक स्टेडियम की मौजूदा हालत यह है कि इसमें ग्राउंड व पिच को छोड़ कुछ भी ठीक नहीं है। यही वजह है कि तीन-चार साल पहले से प्रशासन के आदेश से मैदान के अंदर दर्शकों की इंट्री बंद है। ऐसा इसलिए कि दर्शक गैलरी कब ध्वस्त हो जाए, बताना मुश्किल है। बावजूद इसके अभी हाल ही में कूच बिहार ट्राफी के मैच हुए थे।
उसी आधार पर रणजी ट्राफी के दो मैचों की मेजबानी बिहार को मिली है। पहला मैंच 13 दिसंबर को बिहार बनाम अरुणाचल प्रदेश और दूसरा मैच 3 जनवरी से होना है। इससे पहले 2020 में रणजी के मैच बिहार में हुए थे।