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मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड के खिलाफ राष्ट्रीय जन जन पार्टी ने किया प्रदर्शन, रिटायर्ड जज की समिति से की जांच कराने की मांग

मुजफ्फरपुर अंखफोड़वा कांड के खिलाफ राष्ट्रीय जन जन पार्टी ने किया प्रदर्शन, रिटायर्ड जज की समिति से की जांच कराने की मांग

MUZAFFARPUR : बीते दिनों मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में आंखफोड़वा कांड में 16 व्यक्तियों की आंखें निकाली गई। जिसको मुआवजा एवं आंख दिलवाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जन जन पार्टी के मुजफ्फरपुर इकाई द्वारा आई हॉस्पिटल से मार्च निकालकर मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रेट में आकर धरना प्रदर्शन किया गया। साथ ही अस्पताल प्रबन्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया। इस कार्यक्रम के नेतृत्व कर रहे जिला अध्यक्ष एवं आचार्य चंद्र किशोर पराशर ने कहा कि 8 सूत्री मांगों को लेकर यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की अनियमितता के संदर्भ में ब्रह्मपुरा थाना में दर्ज प्राथमिकी में नामजद अभियुक्तों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की गयी।

इस दौरान पार्टी की ओर से कहा गया की मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान अंधेपन के शिकार हुए मरीजों को बीस लाख रूपये का सरकारी अनुदान एवं बिहार सरकार द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा की व्यवस्था सरकारी खर्च पर की जाए। मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद तथा अन्य ऑपरेशन में चिकित्सकीय अनियमितताओं के कारण आंखों की रोशनी जिन रोगियों की गई है। उन्हें चिकित्सा प्रतिष्ठान अपने खर्च से आई बैंक से आंख उपलब्ध कराकर प्रत्यारोपण करें एवं अन्य क्षतिपूर्ति की राशि भुगतान भी मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल करें। पराशर ने कहा की मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन समिति के सचिव को ब्रह्मपुरा थाना में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है। लेकिन अध्यक्ष तथा अन्य अधिकारियों को प्राथमिकी में नामजद नहीं किया गया। साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल ट्रस्ट कमेटी के किसी भी पदाधिकारी को भी प्राथमिकी में नामजद नहीं किया गया है। साथ ही सरकारी तंत्र से जुड़े स्वास्थ्य सेवा के अधिकारियों एवं जिला स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारियों को भी प्राथमिकी में शामिल नहीं किया गया। इसलिए मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की अनियमितता के लिए अन्य दोषियों को तथा सरकारी तंत्र की उदासीनता के लिए जिम्मेवार पदाधिकारियों को भी दोषी मानते हुए प्राथमिकी में पदाधिकारियों एवं अन्य को नामजद किया जाए।

पराशर ने कहा की मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल प्रकरण में विगत 10 वर्षों से मोतियाबिंद एवं अन्य आंख से संबंधित रोगियों की चिकित्सा की जांच अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित कर करवाया जाए। मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को मिलने वाला चंदा एवं अनुदान में अनियमितता एवं घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाए। मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल सहित जिला के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों का नियमित निरीक्षण एवं जांच सरकारी पदाधिकारियों के द्वारा किया जाए। साथ ही मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल एवं श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित अन्य सरकारी चिकित्सा एवं अन्य नेत्र रोग के उपचार की समुचित व्यवस्था की जाए।

मुजफ्फरपुर से अरविन्द अकेला की रिपोर्ट

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