PATNA : जेडीयू में प्रशांत किशोर की इंट्री के बाद बहुत कुछ बदल रहा है. राज्य कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब प्रशांत किशोर को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी उसी वक़्त यह तय था कि PK को पार्टी के अन्दर बड़ी भूमिका मिलने जा रही है. प्रशांत किशोर के कद को देखते हुए जेडीयू के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता उनके करीब आने की कोशिश में लग गए थे लेकिन असल खेल PK के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद शुरू हुआ है.
आरसीपी के सिपहसालारों ने बदला पाला
जेडीयू के अंदरखाने से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक प्रशांत किशोर की पार्टी में इंट्री के पहले तक जो नेता राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह के सिपहसालारों में गिने जाते थे उन्होंने भी अब रातों रात पाला बदल लिया है. पटना के 7 स्टैंड रोड स्थित आरसीपी सिंह के आवास पर सुबह से शाम तक दरबार लगाये रखने वाले ऐसे नेताओं ने अब प्रशांत किशोर से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी हैं. अपने सिपहसालारों का इस तरह से पाला बदलना शायद आरसीपी सिंह को भी चौंका रहा होगा लेकिन हकीकत यही है कि जेडीयू के अन्दर कैम्प पॉलिटिक्स करने वाले नेताओं को इस बात का एहसास हो गया है की मौजूदा वक़्त में प्रशांत किशोर आरसीपी सिंह से कहीं ज्यादा मजबूत हैं. आलम यह है कि सुबह से लेकर शाम तक में कई प्रकोष्ठों की बैठक आरसीपी सिंह के घर पर ही करा देने वाले नेता अब हफ़्तों तक उधर का रुख नहीं कर रहे. ऐसे नेताओं की पूरी दिलचस्पी प्रशांत किशोर के मूवमेंट में है.
प्रशांत किशोर के करीब आने की होड़
पार्टी के अन्दर प्रशांत किशोर की बढ़ते कद को देखते हुए पार्टी का हर छोटा – बड़ा नेता या कार्यकर्त्ता PK के करीब आने की जुगत में लगा है. सभी को इस बात की उम्मीद है कि प्रशांत किशोर से करीबी उसके राजनीतिक कैरियर को उछाल दे सकती है. PK के नजदीक पहुँचने के लिए मची इस होड़ के पीछे बड़ी वजह यही है. लेकिन बात अगर प्रशांत किशोर की करें तो राजनीती में आने के बावजूद वह अभी भी प्रोफेशनल रणनीतिकार ज्यादा हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि PK अपने करीब वैसे चेहरों को रखेंगें जो उनके उनके पॉलिटिकल मिशन के लिए फायदेमंद हो.