DESK : भारतीय क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा ऋषभ पंत की कार भीषण दुर्घटना का शिकार हो गई। जिसमें खुद ऋषभ पंत भी गंभीर रूप से घायल हो गए। फिलहाल, पंत को इलाज के लिए देहरादून के मैक्स हॉस्पीटल में भर्ती किया गया है। जहां डॉक्टरों ने बताया कि ऋषभ पंत फिलहाल खतरे से बाहर हैं, लेकिन उनके पैर फ्रैक्चर हो गए है। साथ ही 25 वर्षीय क्रिक्रेटर के शरीर के दूसरे हिस्से में भी चोटें आई हैं। बता दें कि शुक्रवार (30 दिसंबर) तड़के रूड़की के गुरुकुल नारसन क्षेत्र में हुआ. स्थानीय लोगों ने तुरंत 108 को बुलाकर पंत को अस्पताल में भर्ती कराया
कार चलाते हुए झपकी आने से हुए हादसा
इस हादसे के बाद ऋषभ पंत का बड़ा बयान आया है. उन्होंने बताया कि किस तरह यह एक्सीडेंट हुआ और वह बचकर किस तरह निकले. यदि पंत कार से नहीं निकल पाते और जरा भी देर होती, तो बड़ा हादसा हो सकता है. क्योंकि घटना के बाद कार में भीषण आग भी लग गई थी. ऋषभ पंत ने बताया कि कार को वह खुद ही चला रहे थे. ड्राइविंग के दौरान उन्हें झपकी आ गई थी. जिसके कारण वह कार पर से कंट्रोल खो बैठे। यही वजह रही कि कार डिवाइडर से टकरा गई और यह बड़ा हादसा हुआ. एक्सीडेंट के बाद पंत जलती हुई कार की खिड़की तोड़कर बाहर निकले थे। पंत को सिर, पीठ और पैर डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत खतरे से बाहर है।
डॉक्टर बोले- सीट बेल्ट पहने होते तो कार में झुलस सकते थे
पंत को हादसे के बाद एंबुलेंस से पहले इलाज के लिए रुड़की के सक्षम हॉस्पिटल ले जाया गया। सक्षम हॉस्पिटल के चेयरमैन और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर सुशील नागर ने बताया कि एमआरई के बाद ही पता चलेगा कि उनके घुटने में कौन सी हड्डी टूटी है। पंत को ऑपरेशन की जरूरत भी पड़ सकती है। उसके बाद ही उनके करियर का पता चलेगा।
डॉ. नागर ने आगे बताया कि वह अपनी मां को सरप्राइज देने के लिए जा रहे थे। पंत सीट बेल्ट नहीं पहने थे। इसलिए वे सुरक्षित बाहर आ गए। अगर वे सीट बेल्ट पहने होते तो कार में आग लगने के बाद वह झुलस सकते थे।