पटना में प्याज की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे आम जनता के रसोई बजट पर बड़ा असर पड़ रहा है। जहाँ कुछ दिनों पहले तक प्याज की खुदरा कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम थी, वहीं अब यह बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई है। थोक मंडी में भी प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं, जहाँ रविवार को यह 48 रुपये से 50 रुपये प्रति किलो बिकता देखा गया। व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि पटना में प्याज की आवक कम हो गई है। देश के कई अन्य हिस्सों से आपूर्ति में कमी और मौसम संबंधी समस्याओं के कारण प्याज की कीमतों में यह उछाल देखने को मिल रहा है। साथ ही, जिन राज्यों से प्याज की आपूर्ति होती थी, वहाँ भी हाल के दिनों में उत्पादन में गिरावट आई है, जिसके कारण पूरे देश में प्याज की कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, पटना में सस्ता प्याज खाने के लिए लोगों को अभी एक सप्ताह का इंतजार करना होगा। भारत सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से सब्सिडी दर पर प्याज की बिक्री शामिल है। देश के कई राज्यों में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दर पर प्याज बेचा जा रहा है। यह बिक्री मोबाइल वैन और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (NCCF) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) के आउटलेट्स के माध्यम से की जा रही है। हालांकि, पटना में अभी तक यह पहल शुरू नहीं हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, अगले सप्ताह से राजधानी में भी यह योजना शुरू हो सकती है। इसके तहत, पटना में भी मोबाइल वैन और नैफेड के आउटलेट्स के जरिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेचा जाएगा। इससे आम जनता को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, खासकर उन परिवारों को जो प्याज की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं।
पटना में प्याज की कीमतों में इस बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण है यहाँ की मंडियों में प्याज की कम आवक। देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मौसम संबंधी कारणों से फसल की बर्बादी हो गई है, जिसके चलते इन राज्यों से पटना समेत अन्य शहरों में प्याज की आपूर्ति में कमी आई है। इसके अलावा, परिवहन लागत में वृद्धि और मंडियों में स्टॉक की कमी ने भी कीमतों को बढ़ावा दिया है। प्याज की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण छोटे व्यापारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिहार के व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ हफ्तों में प्याज की आवक सुधर सकती है, जिससे कीमतों में थोड़ी स्थिरता आएगी। इसके साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सब्सिडी योजना से भी बाजार में थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।
प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए, केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर प्याज का स्टॉक जारी करने की योजना बनाई है। इसके तहत, सरकार प्याज की बिक्री को सस्ते दामों पर सुनिश्चित करने के लिए अपने भंडार से प्याज बाजार में उपलब्ध करा रही है। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में कीमतों में कुछ स्थिरता आएगी और जनता को प्याज की महंगाई से राहत मिलेगी। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि पटना में यह पहल अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है, जिसके तहत मोबाइल वैन के माध्यम से शहर के विभिन्न हिस्सों में प्याज की बिक्री की जाएगी। पटना के विभिन्न इलाकों में नैफेड के आउटलेट्स के जरिए भी सस्ते प्याज की उपलब्धता कराई जाएगी, जिससे शहर के हर क्षेत्र में लोगों को सस्ती दरों पर प्याज मिल सकेगा।
प्याज की बढ़ती कीमतों से उपभोक्ताओं में हताशा है, लेकिन सरकार की सब्सिडी योजना से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। अगर सब कुछ सही रहा, तो अगले सप्ताह से पटना के लोग सस्ता प्याज खरीद सकेंगे। फिलहाल, उपभोक्ताओं को सलाह दी जा रही है कि वे संयम बनाए रखें और बाजार में प्याज की उपलब्धता में सुधार होने तक इंतजार करें। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में प्याज की कीमतों में और इजाफा हो सकता है, लेकिन सरकार के हस्तक्षेप और नए स्टॉक के आने से स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगेगी। पटना के बाजारों में व्यापारी भी सरकार की इस योजना का समर्थन कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इससे बाजार में प्याज की कीमतों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।