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संजय झा बने जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष, दिल्ली में JDU राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुआ फैसला

संजय झा बने जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष, दिल्ली में JDU राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुआ फैसला

दिल्ली- बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है.  नीतीश सरकार में मंत्री रहे संजय झा पहली बार राज्यसभा के सांसद बने हैं और इसी हफ्ते उन्हें राज्यसभा में जदयू संसदीय दल का नेता बनाया गया है. नीतीश ने शनिवार को दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई है.

नीतीश कुमार ने संजय झा को दी बड़ी जिम्मेदारी  

 इस बैठक में संजय झा को पार्टी में नंबर दो की जिम्मेदारी दी गई है.  नीतीश समेत जेडीयू के तमाम वरिष्ठ नेता शुक्रवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे. शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. अपने संबोधन के दौरान नीतीश कुमार ने संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा,जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया. इस तरह से संजय झा अब जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए।  

झारखंड में मजबूती से चुनाव लड़े पार्टी 

जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन संबंधी प्रस्ताव पेश किए गए। जिसमें कहा गया कि झारखंड में 2024 में ही चुनाव होने हैं. वहां पहले भी जदयू प्रत्याशी चुनाव लड़े हैं और जीते भी हैं. झारखंड पर विशेष ध्यान देते हुए हमें पहले वहां की उन सीटों को चिन्हित करने का काम कर लेना चाहिए, जहां से हमारे प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की संभावना सबसे ज्यादा है. इसके बाद चुनाव के लिए आगे की रणनीति बनाकर गंभीरता से जुटना चाहिए . जेडीयू के इस प्रस्ताव से भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल हो सकती है. क्यों कि झारखंड में जेडीयू का भाजपा के साथ गठबंधन नहीं है. जेडीयू अगर गठबंधन के तहत सीटों को लेकर भाजपा पर दबाव बनाती है तब दोनों दलों के बीच रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है. 

बिहार को मिले स्पेशल स्टेटस या स्पेशल पैकेज

संगठन संबंधी प्रस्ताव के बाद राजनैतिक प्रस्ताव भी पेश किए गए। राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया कि हमारे लिए राजनीतिक सत्ता सेवा के लिए है, भोग के लिए नहीं. हमारे नेतृत्व की यही सोच है. इस राजनीतिक सत्ता का उपयोग सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक बदलाव एवं विकास के लिए होना चाहिए. ताकि बेहतर समाज बन सके .बिहार में पिछले 19 वर्षों में नीतीश कुमार ने सत्ता को व्यवस्था परिवर्तन का यंत्र बनाने की कोशिश की है. जेपी के संपूर्ण क्रांति की यही सीख है. राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की हमारी पुरानी मांग है. आज की स्थिति में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अथवा विशेष पैकेज की आवश्यकता है.. जिससे बिहार के करोड़ों लोगों के विकास और कल्याण के लिए ज्यादा मजबूती से काम किया जा सके. विशेष दर्जा या पैकेज मिलने पर बिहार के विकास की रफ्तार और तेज हो सकेगी. बिहार की प्रगति एवं खुशहाली के लिए जरूरत है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज मिले. जनता दल यूनाइटेड समन्वय और सहयोग की राजनीति में विश्वास करती है. भाजपा के साथ समन्वय और साझेदारी लंबे समय है जो एनडीए के रूप में स्वाभाविक गठबंधन का पर्याय बन चुका है .

बढ़े हुए आरक्षण कौ नौवीं अनुसूची में शामिल करे भारत सरकार 

जेडीयू के राजनैतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि हाल ही में जाति आधारित गणना के बाद विधानमंडल से पारित आरक्षण के नए कानून को पटना हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. इसे तत्काल विश्वविद्यालय में चल रहे नामांकन की प्रक्रिया प्रभावित होगी. इतना ही नहीं सरकार ने 1 साल के भीतर युवाओं को 5 लाख सरकारी नौकरी और 34 लाख रोजगार देने की प्रक्रिया प्रारंभ की है. उसमें भी व्यवधान आएगा. जेडीयू की तरफ से इस पर चिंता जाहिर की गई है. हालांकि पटना उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सरकार सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है. पार्टी ने इसकी सराहना की. इतना ही नहीं भारत सरकार से मांग की गई है कि बिहार सरकार के अनुरोध के अनुरूप  इस प्रस्ताव (आरक्षण) को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाय. 

2025 चुनाव में जीत हासिल करने का संकल्प 

बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव 2024 की तरह 2025 के विधानसभा चुनाव में भी पूरे उत्साह और एकजुटता रखते हुए कामयाबी हासिल करने का संकल्प लिया गया.

सांगठनिक प्रस्ताव में कहा गया है कि जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता अनुशासित सिपाही की तरह काम करते हैं. लोकसभा चुनाव में बिहार में संगठन के सभी स्तरों पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ तालमेल और कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर संवाद ने सफलता का मार्ग प्रशस्त किया. इस रणनीति का प्रयोग हमें 2025 के विधानसभा चुनाव में भी करना है . 2025 में जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो, वहां हमारे उम्मीदवार चुनाव लड़ें. प्रत्येक बूथ के लिए 5 से 10 कार्यकर्ताओं के नाम पहले से तय कर लिए जाने चाहिए .राज्य पदाधिकारी और जिला पार्टी के पदाधिकारी जब भी दौरे पर जाएं, बूथ प्रभारी के संपर्क में रहे .पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बूथ प्रभारी को जरूर आमंत्रित करें. पार्टी पदाधिकारी या मंत्री किसी भी क्षेत्र में जाएं तो वहां के बूथ प्रभारी को सूचना होनी चाहिए. ऐसे में उनका मनोबल और उत्साह बढ़ेगा. प्रखंड, अनुमंडल और जिला स्तर पर बूथ प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाए. बूथ प्रभारी चुनावी मोर्चा के अग्रिम दस्ते के सिपाही हैं. पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में उनकी बड़ी भूमिका होगी. 

 बिहार में एनडीए सरकार चलाने के साथ ही लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी दफे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार गठन में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है. जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ी और 12 सीटों पर जीत दर्ज की. केंद्र सरकार के गठन में हमारी उल्लेखनीय भूमिका है.

पेपर लीक पर जताई गई चिंता 

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के राजनीतिक प्रस्ताव में केंद्रीय प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक पर चिंता जाहिर की गई. कहा गया कि मामले की गहराई से जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ,जिससे इसकी विशेषता बनी रहे. साथ ही पेपर लीक को लेकर संसद में कठोर कानून बनाए जाने की आवश्यकता है. जिससे हमारे छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों कड़ा दंड दिया जा सके. 

  





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