बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार हाजीपुर पहुंचे चिराग पासवान, कहा बड़ी जिम्मेवारी के साथ स्थानीय समस्याओं पर भी है नजर

केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार हाजीपुर पहुंचे चिराग पासवान, कहा बड़ी जिम्मेवारी के साथ स्थानीय समस्याओं पर भी है नजर

VAISHALI : लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद चिराग पासवान का राजनीतिक कद बढ़ गया है। पहली बार चिराग को मंत्रिमंडल में इंट्री मिली और केंद्र की सरकार में चिराग अब मंत्री बन गए है। मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान आज पहली बार जब अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे तो चिराग का जबरदस्त स्वागत हुआ। बता दें की चिराग पासवान जमुई की अपनी पुरानी सीट छोड़ इस बार पिता रामविलास पासवान की परम्परागत सीट हाजीपुर से चुनाव लड़ा था और चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर केंद्र में मंत्री बन गए है। 

लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत और हाजीपुर से खुद को मिली चुनावी जीत के बावजूद चिराग के सामने हाजीपुर में एक बड़ी चुनौती है। चुनौती होगी हाजीपुर में पिता रामविलास के कामो और उपलब्धियों की लम्बी लकीर के सामने खुद को साबित करने की। पिता की मौत के बाद बेशक चिराग पासवान ने भावनाओ के लहर की सवारी करते हुए हाजीपुर में चुनावी जीत दर्ज कर लिया है। लेकिन आगे की राह चिराग के सांसद के तौर पर क्षेत्र में किये कामो के द्वारा ही तय होनी है। शायद यही वजह है की , केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पहुँचते ही चिराग काम में जुट गए है। मौक़ा तो था मंत्री बने चिराग के स्वागत समारोह का। लेकिन क्षेत्र में पहुँचते ही चिराग पासवान ने स्थानीय समस्याओ को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए जल्द ही हाजीपुर की जमीनी समस्याओ को दूर करने के लिए अपने कामो की गिनती गिनाना शुरू कर दिया। 

चिराग पासवान ने कहा की बेशक मंत्री बनने के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। लेकिन सांसद के तौर पर स्थानीय समस्याओ से निपटने के लिए उन्होंने काम शुरू कर दिया है। चिराग पासवान ने क्षेत्र में स्कूलों , बस स्टैंड , ऑडिटोरियम और सफाई जैसे स्थानीय समस्याओ की गिनती गिनाते हुए बताया की इन समस्याओ को लेकर उन्होंने काम शुरू कर दिया है। चिराग पासवान ने पिता रामविलास पासवान की उपलब्धियों और किये गए कामो का जिक्र करते हुए बताया की बेशक वे मंत्री है लेकिन सांसद के तौर पर स्थानीय समस्याओ पर उनकी नजर है।  

साफ़ है की चिराग पासवान भी इस बात को समझ रहे है की राजनीति या केंद्र की सत्ता का रास्ता उस रास्ते से ही जाता है , जिस पर चल चिराग सांसद बने और फिर मंत्री बने है। बड़ी बात ये भी है की चिराग के सामने अपने पिता के बड़े लकीर को पाटने की भी चुनौती है जिसे राम विलास पासवान ने अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में हाजीपुर में बनाया है। देखना होगा की लोकसभा चुनाव की अपनी पहली परीक्षा में लम्बी छलांग लगाने वाले चिराग पासवान इस रास्ते पर कितने दूर जा पाएंगे। 

चिराग पासवान ने कहा की जिस तरह से मेरे नेता मेरे पिता विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी निभाते हुए गरीब लोगो के लिए काम किया। मैं भी उसी तरह से काम करूंगा। एक सांसद के तौर पर मेरी जिम्मेदारी है। मैंने क्षेत्र की समस्याओ को लेकर काम शुरू कर दिया है। बंद होने जा रहे केंद्रीय विद्यालय को फिर से शुरू करवाने जा रहा हूँ। क्षेत्र में बस स्टैंड की बड़ी समस्या है उसे भी बनवाया जाएगा। 

वैशाली से ऋषभ की रिपोर्ट

Suggested News