न्यूज़ 4 नेशन डेस्क : आज 20 अगस्त को सावन की चौथी और अंतिम सोमवारी है. यह सोमवारी ज्येष्ठा नक्षत्र और वैधृतियोग में शुरू हुआ है. इस नक्षत्र और योग में भगवान शिव की पूजा और अभिषेक अत्यंत दुर्लभ माना जाता है.
क्या है वैधृति योग
ऐसे तो यह योग पुराणों में बहुत अच्छा नहीं माना जाता है, पर इस योग में भगवान शंकर की पूजा और जलाभिषेक किया जाए तो यह बहुत लाभकारी होता है. ऐसे लोग जिनके घरेलु जीवन में तनाव हो, पिता-पुत्र में अनबन हो, कई रोग हो, मानसिक परेशानी हो और हमेशा कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाना पड़ रहा हो उन्हें आज के दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक अवश्य करना चाहिए. अभिषेक के लिये जल, दुग्ध,अक्षत, काला तिल और जौ डाल कर महादेव का अभिषेक करे. इसके साथ ही ॐ गौरिशंकराय नमः मंत्र का जाप कर अभिषेक करना चाहिए.
ऐसे करें भगवान शिव की पूजा...
भगवान शिव के तीनों स्वरूप की नील कंठ, नटराज और महामृत्युंजय की पूजा करें. इसके साथ ही इनका जप करें, यह करने से शत्रु, षडयंत्र, तंत्रमंत्र का असर नहीं होता है. वहीँ भगवान शिव को बेलपत्र, सफ़ेद फूल, गंगा जल, धतूरा और शहद अर्पण करना चाहिए. शिवपुराण के अनुसार माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव सावन के महीने ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकारने का वरदान दिया था. इसके साथ ही भगवान ने यह भी कहा था कि जो भी भक्त सावन के महीने में मेरी पूजा करेगा उसकी सारी मनोकामना पूरी होगी। वैसे तो शिव के रूप को उग्र माना जाता है पर प्रसन्न होने पर ये तीनों लोकों के सुखों को भक्तों के लिए सुलभ कर देते हैं.