PATNA : पटना हाई कोर्ट ने अपने एक फ़ैसले से आवास बोर्ड को आदेश दिया कि वह एक महीने के भीतर अनुसूचित जाति की महिला को एमआईजी फ्लैट आवंटित करे।इसके लिए उसने 21 साल पहले आवेदन दिया था।जस्टिस संदीप कुमार ने वीणा कुमारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया।
इस याचिकाकर्ता ने आवास बोर्ड द्वारा भागलपुर में स्थित विभिन्न श्रेणियों के एमआईजी फ्लैटों के आवंटन के लिए 2003 को प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में आवेदन किया था।इस महिला ने फ्लैट आवंटन के लिए 50,000/- रुपये भी जमा किया था । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ज्ञानेन्द्र कुमार शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता को छोड़कर अन्य सभी व्यक्तियों को वर्ष 2004 में ही उनके फ्लैट आवंटित कर दिए गए थे।लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग के लिए निर्धारित फ्लैट किसी को भी आवंटित नहीं किए गए।
उन्होंने तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, बिहार राज्य आवास बोर्ड, द्वारा 2002 में जारी दो पत्रों के बारे में कोर्ट को बताया,जिसमें याचिकाकर्ता के नाम की अनुशंसा की गई थी । कोर्ट ने पाया कि विज्ञापन की शर्तें प्रकाशित हो जाने और याचिकाकर्ता और अन्य लोगों द्वारा आवेदन कर दिए जाने के बाद उपरोक्त फ्लैटों के आवंटन के संबंध में कोई शुद्धिपत्र नहीं लाया गया, तो याचिकाकर्ता को प्रश्नगत फ्लैट के आवंटन से इनकार नहीं किया जा सकता है।