मिड डे मील परोस रहे या जहर ! पहले खाने में मिला था कीड़ा, अब दिया दुर्गंध वाला भोजन, नवगछिया में भारी बवाल

BHAGALPUR:   भागलपुर के नवगछिया अनुमंडल के मध्य विद्यालय मिल्की में गुरुवार को एनजीओ के द्वारा दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन से दुर्गंध आने की घटना सामने आई है। भोजन से दुर्गंध आते ही बच्चों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की शिकायत पर शिक्षकों ने जब भोजन की जांच की तो शिकायत सही निकली। बच्चों के हंगामा करने की आवाज सुन बच्चों के परिजन भी स्कूल पहुंच कर हंगामा करने लगे। इसके बाद शिक्षकों ने तत्काल भोजन से दुर्गंध आने की जानकारी आपूर्तिकर्ता एजेंसी बाल विकास एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के प्रबंधन को दी और फिर मौके पर पहुंचे मुखिया प्रतिनिधि पप्पू यादव ने आपूर्तिकर्ता एजेंसी को फोन लगा कर मामले को विस्तार से बताया जिसके बाद मौके पहुंचे आपूर्तिकर्ता एजेंसी के कर्मी को बच्चों और उनके परिजनों ने बंधक बना लिया और हंगामा करने लगे। मुखिया प्रतिनिधि के काफी समझाने के बाद करीब 1 घंटे के बाद आपूर्तिकर्ता एजेंसी के कर्मी को बंधक मुक्त किया गया।

'कभी भोजन में दुर्गंध, तो कभी कीड़ा'

प्रधानाध्यापक सुधांशु प्रसाद राजहंस से मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी द्वारा बच्चों को जो भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है वो गुणवत्तापूर्ण नहीं होता है। कभी पानी जैसी दाल होती है, तो कभी भोजन से बदबू आती है। यहां तक कि कभी कभी खाने में कीड़ा भी निकलता है। जो बच्चे खाने से मना कर देते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार भोजन में दुर्गंध आने की शिकायत संस्था से की गई थी। शिकायत करने के बाद भोजन की गुणवत्ता में सुधार नही हुआ है। बीते बुधवार को भी भोजन में कीड़ा निकला था। उस समय पूरा खाना को नष्ट करा दिया गया था। प्रधानाध्यापक ने कहा कि उनकी मांग बस इतनी है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाए, ताकि बच्चों की सेहत पर बुरा असर न पड़े। इसकी शिकायत हमलोगों ने पहले फोन के माध्यम से अधिकारियों को दी है अब हमलोग लिखित रूप से इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को देंगे।


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'बच्चो के खाने लायक नही है खाना'

मध्य विद्यालय मिल्की में कार्यरत रसोईया गुड़िया देवी ने कहा की आज खाने में चावल दाल और सब्जी आया है, जो खाना खराब है और बच्चो के खाने के लायक नही है, बदबू कर रहा है, क्या ऐसा हीं खाना बच्चा खायेगा। ये खाना एनजीओ से आता है। मुखिया प्रतिनिधि पप्पू यादव ने कहा की यहां जो खाना आया है वो खाना गड़बड़ आया है खाने बिल्कुल खराब है, ग्रामीणों और प्रधानाध्यापक ने कल भी कहा था की खाना में सुधार कीजिए बच्चा बीमार हो जायेगा, वरना खाना वापस कर देंगे। आज ग्रामीण मिलकर हमको जानकारी दिए, जब हम स्कूल आए तो खाना देखा जो खाना खराब है, हमलोग खाना को वापस करवा रहे है। हमलोग प्रयास करेंगे की बढ़िया खाना बच्चे को मिले ताकि बच्चे बीमार न हों। 

'मिड-डे-मील भोजन से आ रहा दुर्गंध'

वहीं, भोजन से दुर्गंध आने के मामले में संस्था के कर्मी चंदन कुमार ने कहा कि भोजन सुबह सुबह गर्म गर्म बना है और फिर डब्बा में पैक हुआ है, जिसके बाद गाड़ी पर हमलोग लोड कर दिए है। स्कूल में खाना पहुंचने के बाद हमलोग को शिकायत मिला है, जिसके बाद हम लोग पहुंचे है। इसकी जानकारी आपूर्तिकर्ता एजेंसी के वरीय लोगों को दे दी गई है। भोजन उपलब्ध कराने वाली एजेंसी के प्रति विभाग शिथिल है, दूसरी ओर, वर्तमान में जिले में सौ से अधिक प्रधानाध्यापक मध्याह्न भोजन में अनियमितता बरते जाने के आरोप में या तो निलंबित हैं या कारवाई के दायरे में हैं। बहुत से ऐसे प्रधानाध्यापक हैं, जिनके विरुद्ध राशि रिकवरी का आदेश जारी है, लेकिन एनजीओ के मामले में विभाग की सक्रियता शिथिल हो जाना समझ से परे है।