SASARAM : बिहार में सरकारी अधिकारी और शिक्षक नियोजन इकाई की मिलभगत ने फर्जीवाड़े की सारी हदें पार कर दी है. अधिकारीयों ने खुलेआम फर्जी शिक्षकों की बहाली कर दी. एक-एक टीईटी सर्टिफिकेट पर 3-3 शिक्षकों को बहाल कर दिया गया.अधिकारियों को खुश रखकर सभी शिक्षक सालों से नौकरी करते रहे और बदले में तनख्वाह भी लेते रहे.
बिहार के कई जिलों से इस तरह के फर्जीवाड़े की खबरें आ रही हैं. ताजा मामला सासाराम के राजपुर प्रखंड का है, जहां नियोजन इकाई ने बड़ी कार्यवाई करते हुए 32 शिक्षकों का नियोजन रद्द कर दिया है. गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर जाँच को पहुंचे नियोजन अधिकारीयों ने जब शिक्षकों की डिग्री की जांच की तो 32 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली. फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले सभी शिक्षकों का नियोजन 2012 में किया गया था.
बता दें कि ये फर्जी डिग्री पर नौकरी करने का पहला मामला नहीं है. इस से पहले भी कई जिलों से शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जांच में यह बात सामने आयी है कि जाली सर्टिफिकेट पर शिक्षकों को बहाल किया गया है। विभाग अभी अन्य शिक्षकों की सर्टिफिकेट की भी जांच कर रहा है