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6 से 10 वर्ष के छोटे छोटे नौनिहाल विद्यालय में बैग को रखकर प्रखंड कार्यालय में धरने पर बैठे, प्रशासन से कर रहे थे यह मांग

6 से 10 वर्ष के छोटे छोटे नौनिहाल विद्यालय में बैग को रखकर प्रखंड कार्यालय में धरने पर बैठे, प्रशासन से कर रहे थे यह मांग

BETIA : लौरिया प्रखंड के राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय शेखटोली सिसवनिया के 6 से 10  वर्ष के छोटे छोटे नौनिहाल विद्यालय में बैग को रखकर प्रखंड कार्यालय के गेट पर बैठकर धरना देने लगे। यह हाई वोल्टेज ड्रामा करीब दो घंटे तक चला। इधर बच्चों के चिल्लाहट और क्रंदन से प्रखंड कार्यालय में अफरा तफरी मच गई। सभी अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय से निकलकर छोटे छोटे बच्चों की समस्या पूछने लगे। 

इनका कहना था कि शेखटोली गांव से विद्यालय की दूरी करीब 4 सौ मीटर है। सड़क खड़ंजा है और इस सड़क पर वहां के लोगों के घरों का गंदा पानी और शौचालय के पानी से भरा हुआ है। विद्यालय आने  जाने का रास्ता नहीं बचा है और हमसब इसी गंदा पानी को पार कर विद्यालय जाते हैं। आए रोज इस सड़क पर फिसलन से कई छात्र गिर जाते हैं। हम सब बहुत परेशान हैं। कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है,जिससे हमसब परेशान होकर गेट पर बैठकर धरना दे रहे हैं। 


वहीं आवेदन मिलते ही वरीय उप समाहर्ता एस प्रतीक ने बीपीआरओ सोनाली गुप्ता को स्थल पर जांच करने के लिए भेजा और बच्चों को समझा बुझाकर विद्यालय भेजा। साथ ही पंचायत के मुखिया कन्हैया प्रसाद कुशवाहा और गांव के ग्रामीणों से जानकारी ली कि इसका किस तरह से समाधान किया जाए कि बच्चों को आवागमन में बाधा न पहुंचे ।

प्रधान शिक्षक को पड़ी फटकार

इधर बीपीआरओ ने प्रधान शिक्षक भरत बैठा की जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि आप बच्चों को ट्रैक्टर ट्रॉली से क्यों भेजा। यह मानवीय भूल है। बच्चे बैग छोड़कर प्रखंड कैसे चले गए। बच्चों की उम्र दस वर्ष से काफी कम है। यदि इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अपर सचिव को खबर मिल गई तो आपका क्या होगा। राजनीति न करें। जवाब में श्री बैठा ने कहा कि बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को प्रखंड कार्यालय ले गए थे।

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